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प्रादेशिक

कश्मीर : बाढ़ से निपटने को नहीं बुलाई गई सेना

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जम्मू | जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने सोमवार को कहा कि बाढ़ की आपदा से निपटने में प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाने की योजना अब तक नहीं है। राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार के वरिष्ठ मंत्री नईम अख्तर ने सोमवार को जम्मू में संवाददाताओं को बताया, “सेना हमेशा सतर्क रहती है। लेकिन बाढ़ से निपटने में प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाने की अब तक हमारी योजना नहीं है।”

उन्होंने कहा, “हमारा आपदा प्रबंधन तैयार है और प्रशासन आने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।” पुलिस ने बताया कि बडगाम जिले में चरार-ए-शरीफ क्षेत्र के लादेन गांव में दो मकान ढह गए, जहां मलबे के नीचे 16 लोगों के दबे होने की आशंका है। मलबे हो हटाने का काम जारी है। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने राज्य विधानसभा में सोमवार को कहा कि चार दिनों से हो रही लगातार बारिश को देखते हुए पूरे राज्य में बाढ़ की घोषणा कर दी गई है, क्योंकि घाटी में झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गया है।

सिंह ने कहा कि बाढ़ में कुछ लोगों के मारे जाने और 21 के लापता होने की सूचना मिली है, लेकिन इसका सत्यापन होना बाकी है। उन्होंने कहा कि यूट्यूब और दूसरी सोशल वेबसाइटों पर बाढ़ को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे लोगों की घबराह बढ़ रही है, क्योंकि 2014 का भयानक मंजर लोग अब तक नहीं भूले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सदन में कहा कि उनकी पार्टी बाढ़ की चिंताजनक स्थिति का राजनीतिकरण नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, “हम बाढ़ पर किसी तरह की राजनीति नहीं करेंगे। हमने बीते साल की त्रासदी से बहुत कुछ सीखा है। हम बस सरकार से पूछना चाहते हैं कि खतरे से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? साथ ही हम यह भी चाहते हैं कि सरकार यह सुनिश्चत करे कि बाढ़ से जानमाल को हानि न हो।” मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद कश्मीर घाटी में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेकर जम्मू लौट चुके हैं, जहां विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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