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लाइफ स्टाइल

हमेशा से देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती थीं अदिति

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मुंबई। फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली गुड़गांव निवासी अदिति आर्य कहती हैं कि वह हमेशा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती थीं। उनकी इसी हसरत ने उन्हें इस सौंदर्य स्पर्धा में हिस्सा लेने की प्रेरणा दी।

52वीं फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता शनिवार को मुंबई स्थित यशराज फिल्म्स स्टूडियो में आयोजित हुई। इसमें 21 वर्षीया अदिति को पिछले साल की फेमिना मिस इंडिया कोयल राणा ने खिताब से नवाजा। अदिति अब मिस वर्ल्ड 2015 मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। अदिति उन्हें सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए राजी करने का श्रेय अपने दोस्तों को देती हैं। अदिति ने बताया, “मैं हमेशा से भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा करती थी। अगर सौंदर्य प्रतियोगिता से ऐसा न हो, तो व्यापार सम्मेलनों, सभाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से ऐसा करना चाहती थी।

उन्होंने कहा, “मुझे मालूम था कि मैं एक ऐसे मुकाम पर पहुंचना चाहती हूं, जहां मेरी आवाज भारत की आवाज बन जाए।” कारपोरेट सेक्टर में काम कर चुकीं अदिति को लगता है कि सौंदर्य प्रतियोगिताएं सशक्तिकरण और अपनी बात रखने व उसे सुनाने का एक मंच हैं। यह चीज कारपोरेट सेक्टर में काम करते हुए नहीं मिलती। अदिति ने कहा, “कारपोरेट माहौल में आप बहुत धीरे-धीरे ऊपर बढ़ते हैं। आपको अपनी बात रखने या उसे ऊपर तक पहुंचाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में सशक्तिकरण बहुत धीमी रफ्तार से होता है, लेकिन सौंदर्य मुकाबले आपको तेजी से आगे बढ़ाते हैं।”

अदिति कहती हैं कि उन्हें उनके परिवार से ‘अथाह समर्थन’ मिला। उनकी उपलब्धि से उनके परिजनों की आंखें गर्व से नम हो गईं। अदिति ने अपनी जीत पर परिवार की प्रतिक्रिया को बयां करते हुए कहा, “वे हैरान थे। उन्होंने कभी मुझ पर अपनी उम्मीदों का बोझ नहीं डाला, इसलिए मैं कभी जान ही नहीं पाई कि वे मेरी जीत चाहते हैं या नहीं..मैं जब खिताब जीती, तो मुझे नहीं पता था कि वे कितने खुश हैं, लेकिन उसके बाद मैंने उनकी नम आंखें देखीं। मैं जानती थी कि उन्हें मुझ पर बहुत नाज है।”
क्या आपकी नजर बॉलीवुड में करियर बनाने पर है? जवाब में उन्होंने कहा, “फिलहाल मेरी नजर मिस वर्ल्ड खिताब पर है। मेरे पास करने के लिए बहुत कुछ है। मैं उन लोगों में से नहीं हूं, जो मौकों को नजरअंदाज करते हैं।” फेमिना मिस इंडिया 2015 का प्रसारण टेलीविजन पर पांच अप्रैल को होगा।

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साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान  

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नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।

शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?

हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।

क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।

गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।

ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।

इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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