Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

विकास बहल ने कश्यप, मोटवानी को कानूनी नोटिस भेजा

Published

on

Loading

मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| ‘क्वीन’ के निर्देशक विकास बहल ने फेंटम फिल्म्स के अपने पूर्व साथियों अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी को ‘मी टू’ अभियान के मद्देनजर ‘अपमानजनक आरोप’ लगाने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। बहल ने अपने पूर्व साथियों को ‘अवसरवादी’ भी कहा।

फेंटम फिल्म्स में काम करने वाली एक पूर्व कर्मचारी ने 2015 में एक हुई घटना के संबंध में पिछले वर्ष बहल पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। यह आरोप भारत में ‘मी टू’ अभियान के जोर पकड़ने के बाद फिर से सामने आए हैं।

कश्यप ने पिछले हफ्ते हफपोस्ट इंडिया रिपोर्ट में इन आरोपों का समर्थन किया था और इस बारे में ट्वीट भी किया था, जबकि मोटवानी ने बहल को एक ‘यौन अपराधी’ कहा था।

बहल ने कश्यप व मोटवानी को ईमेल के जरिए 9 अक्टूबर की तिथि वाले दो लेकिन लगभग एक ही तरह के कानूनी नोटिस भेजे हैं और उनके द्वारा लगाए गए सभी ‘आरोपों’ से इनकार किया है।

बहल ने कानूनी नोटिस में दावा किया है कि ये बयान ‘व्यावसायिक ईष्र्या की वजह से और उन्हें अपमानित करने, उनकी छवि को खराब करने और उनके करियर को बर्बाद करने के लिए लगाए गए हैं।’

कश्यप और मोटवानी को उनके बयान को वापस लेने और सोशल मीडिया के जरिए बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा है, जिसमें दोनों को यह कहने के लिए कहा गया है कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। इसके अलावा दोनों को नोटिस प्राप्त करने के 24 घंटे के अंदर सभी सामग्री और उन सूत्रों के नाम बताने के लिए कहा गया है, जहां से दोनों ने इन सूचनाओं को प्राप्त किया है, ऐसा न करने की स्थिति में बहल दोनों के विरुद्ध ‘कानूनी प्रक्रिया’ और ‘मानहानि के लिए मुकदमा’ करेंगे।

बहल ने कानूनी नोटिस में दोनों निर्देशकों पर अफवाह के आधार पर नतीजे पर पहुंचने का आरोप लगाया है, क्योंकि न ही वे पीड़ित हैं और न ही गवाह हैं।

बहल ने दोनों पर इस अवसर का प्रयोग फेंटम फिल्म्स को समाप्त करने करने के लिए करने का आरोप लगाया और उन्हें इस तरह पेश किया कि वह ही प्रोडक्शन हाउस को समाप्त करने के जिम्मेदार हैं। कंपनी को भंग करने की घोषणा पिछले सप्ताह की गई थी।

 

Continue Reading

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Continue Reading

Trending