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मुख्य समाचार

अमेरिका को अपने पादरी को तुर्की से रिहा कराने का विश्वास

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वाशिंगटन, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिकी अधिकारियों को लगता है कि वे तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यप एर्दोगन के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में जेल भेजे गए अमेरिकी पादरी एंड्रयू ब्रनसन को रिहा कराने की उनकी कोशिश सफल होने वाली है। एक विश्वस्त सूत्र ने गुरुवार को सीएनएन को बताया कि अमेरिकी अधिकारी अपने तुर्की समकक्षों से किए उस समझौते के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं जो ब्रनसन के शुक्रवार को तुर्की की अदालत में पेश होने से पटरी पर है।

अदालत अगर ब्रनसन पर से नजरबंदी हटाने का आदेश देती है और उनके यात्रा करने पर प्रतिबंध नहीं लगाती है तो वे देश छोड़ने के लिए आजाद हो जाएंगे। दोषी पाए जाने पर उन्हें 35 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने हालांकि गुरुवार को ब्रनसन के रिहा होने की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करने वाला कोई नहीं हूं, मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है, हमारी सरकार ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पादरी एंड्रयू ब्रनसन रिहा नहीं होते और अपने परिवार समेत अमेरिका स्थित अपने घर नहीं लौटते, हम अपनी बात पर अड़े रहेंगे।”

गुरुवार को ही विदेश विभाग प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने कहा, “मुझे ऐसे किसी समझौते की जानकारी नहीं है, हमें कुछ नहीं पता। कल (शुक्रवार को) एक सुनवाई होने वाली है। यह कानूनी प्रक्रिया है।”

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रनसन 2016 से जेल में हैं और इसके बाद तुर्की और अमेरिका के रिश्तों में खटास पैदा हो गई है।

ट्रंप ने अगस्त में कहा था कि तुर्की ने दोस्त वाला काम नहीं किया है और उन्होंने पादरी पर जासूसी करने के अभियोग लगाए हैं जबकि वह जासूस नहीं हैं।

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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