Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

नई विदेश व्यापार नीति बुधवार को

Published

on

विदेश व्यापार नीति, निर्यात, आर्थिक वृद्धि, अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल मूल्य, वाणिज्य मंत्री, टीपीपी, चीन ,भारत

Loading

 

नई दिल्ली| सरकार बुधवार को नई विदेश व्यापार नीति घोषित करेगी, जिसमें निर्यात बढ़ाने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। विदेश व्यापार नीति आम तौर पर अप्रैल में जारी की जाती है। इसमें आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के उद्देश्य के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश उपलब्ध कराए जाते हैं। देश का निर्यात लगातार तीसरे महीने फरवरी में 15 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ 21.54 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा हालांकि घटकर 6.85 अरब डॉलर दर्ज किया गया, लेकिन इसमें मुख्य योगदान अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल मूल्य में गिरावट का रहा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने  कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने वाणिज्य मंत्री की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक नहीं कराई, जैसी की प्रथा रही है। बोर्ड ऑफ ट्रेड के सदस्यों में प्रमुख उद्योगपति और निर्यातकों की संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) और निर्यात संवर्धन परिषद के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और उनके विचारों को नीति में जगह दी जाती है। अमेरिका जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों के बारे में फॉरेन पॉलिसी पत्रिका ने गत महीने के अंक में कहा था कि दोनों देशों में व्यापार युद्ध छिड़ सकता है, क्योंकि दोनों के बीच के विवाद सामने आ रहे हैं।

मुख्य विवादों में शामिल हैं बौद्धिक संपदा सुरक्षा (आईपीपी)। पत्रिका के मुताबिक, अमेरिका की कुछ धनाढ्य औषधि कंपनियां चाहती हैं कि भारत अपना नियामकीय ढांचा मजबूत करे। पत्रिका के मुताबिक, इधर भारतीय जनरिक कंपनियों को डर है कि यदि भारत अमेरिका जैसी पेटेंट सुरक्षा व्यवस्था अपनाएगा, तो कारोबार का एक बड़ा हिस्सा उनके हाथ से निकल जाएगा। एशिया प्रशांत के 12 देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता ‘ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप’ (टीपीपी) में आईपीपी एक बड़ा मुद्दा है। चीन और भारत टीपीपी में शामिल नहीं हैं। पत्रिका में कहा गया है कि भारत को टीपीपी से होने वाले नुकसान के केंद्र में बौद्धिक संपदा नियमन भी होगा।

 

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending