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स्तन कैंसर का पता लगाएगी 3डी मैमोग्राफी

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों में युवा महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। ऐसे में 3डी मैमोग्राफी युवा महिलाओं में स्तन कैंसर को पकड़ने में कारगर टूल के रूप में देखी जा रही है। स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों पर नई दिल्ली स्थित शालीमार बाग के मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के कंसल्टेंट व आंकोलॉजिस्ट डॉ. विनीत गोविंद गुप्ता कहते हैं, “स्तन कैंसर क्यों हो रहा है, इसके कारणों का हालांकि अभी पता नहीं लग पाया है, लेकिन यह तय है कि जितनी जल्दी इसका पता लगाया जाता है, ठीक होने के अवसर उतने ही बढ़ जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि परंपरागत तौर पर मैमोग्राफी 2 डायमेंशनल ही होती है, जो ब्लैक एंड व्हाइट एक्सरे फिल्म पर नतीजे प्रदर्शित करती है। इसके साथ ही इन्हें कंप्यूटर स्क्रीन पर भी देखा जा सकता है। 3डी मैमोग्राम में ब्रेस्ट के की कई फोटो विभिन्न एंगलों से लिए जाते हैं, ताकि एक स्पष्ट और अधिक आयाम की इमेज तैयार की जा सके। इस तरह के मैमोग्राम की जरूरत इसलिए है, क्योंकि युवावस्था में युवतियों के स्तन के ऊतक काफी घने होते हैं और सामान्य मैमोग्राम में कैंसर के गठन का पता नहीं लग पाता है। 3डी मैमोग्राम से तैयार किए गए चित्र में स्तन के टिश्यू के बीच छिपी कैंसर की गठान को भी पकड़ा जा सकता है।

डॉ. गुप्ता बताते हैं कि 3डी मैमोग्राम के और कई फायदे हैं, जैसे कि ब्रेस्ट कैंसर की गांठ का जल्द से जल्द पता लगाकर उसका इलाज करना ही मैमोग्राम का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए 3डी इमेजिंग को काफी कारगर माना जाता है।

उन्होंने कहा कि 3डी मैमोग्राम की तस्वीरों और सीटी स्कैनिंग में काफी समानता है और इसमें मरीज को परंपरागत मैमोग्राफी की तुलना में काफी कम मात्रा में रेडिएशन का सामना करना पड़ता है।

डॉ. गुप्ता का कहना है कि 40 साल उम्र के आसपास पहुंच रहीं महिलाओं को हर साल मैमोग्राफी करने की सलाह दी जाती रही है। लेकिन अब उन्हें 3-डी इमेजिंग टैक्नोलॉजी का सहारा लेना चाहिए। इस टैक्नोलॉजी का फायदा हर उम्र की महिलाओं को मिल सकता है, लेकिन युवावस्था में कैंसर की गांठ यदि पकड़ में आ जाती है तो उसका कारगर इलाज करके मूल्यवान जान बचाई जी सकती है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मीनोपॉज के नजदीक या पार पहुंच चुकी महिला को भी 3डी मैमोग्राफी कराने से शुरुआत में ही कैंसर की गांठ का पता लग सकता है।

दरअसल, 3डी मैमोग्राफी करने की प्रोसीजर बिल्कुल 2डी मैमोग्राफी की ही तरह होती है। इसमें महिला के स्तन को एक्सरे प्लेट और ट्यूबहेड के बीच रखकर कई एंगल से अनेक फोटो लिए जाते हैं। इस तरह की फोटुओं को स्लाइसेस कहा जाता है। इतने बारीक अंतर से स्तन के फोटोस्लाइसेस बनाए जाते हैं कि उसकी निगाह से छोटी से छोटी कैंसर की गठान भी छिप नहीं पाती है और उजागर होकर स्क्रीन पर दिखाई देने लगती है।

किस तरह की जांच मरीज के लिए फायदेमंद होगी, इसके लिए चिकित्सक स्तन कैंसर के लिए जनरल स्क्रीनिंग गाइडलाइंस का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई तथ्यों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सक जांच की प्रक्रिया का चुनाव कर सकते हैं। इसके लिए चिकित्सक मरीज के साथ चर्चा करके भी तय करते हैं, जैसे कि पिछली बार कराए गए टेस्ट का अनुभव और नतीजा। इसमें हर तरह की जांच के जोखिम और फायदे व गर्भधारण और ओवरऑल हेल्थ व साथ में फैमिली हिस्ट्री भी ध्यान में रखी जाती है।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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