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अन्तर्राष्ट्रीय

म्रिस को सैन्य सहायता बहाल करेगा अमेरिका

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को मिस्र के राष्ट्रपति अब्दल फतह अल-सीसी से कहा कि वह एफ-16 विमान की आपूर्ति के साथ ही मिस्र को वार्षिक सैन्य सहायता बहाल करने की मंजूरी दे देंगे। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। ओबामा और अल-सीसी के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान ओबामा ने कहा कि वह अक्टूबर 2013 से एफ-16 विमान, हारपून मिसाइलों और एम1ए1 टैंक किटों की आपूर्ति पर लगी रोक हटाएंगे।

अमेरिका ने मिस्र में सैन्य सहायता उस समय रोक दी थी, जब मिस्र की सेना के तत्कालीन प्रमुख अल-सीसी ने तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को अपदस्थ कर दिया था और एक अंतरिम सरकार का गठन किया था तथा मुर्सी समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी थी। उस समय मिस्र को अमेरिका की ओर से दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर की वार्षिक सहायता में से लगभग 70 करोड़ डॉलर की सहायता रोक दी गई थी। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ओबामा ने राष्ट्रपति अल-सीसी से कहा कि वह मिस्र को दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर की वार्षिक सहायता जारी रखेंगे।

ओबामा ने अल-सीसी को बताया कि वित्त वर्ष 2018 से वाशिंगटन काहिरा को चार क्षेत्रों आतंकवाद से मुकाबला, सीमा सुरक्षा, सिनाई प्रायद्वीप की सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए सुरक्षा सहायता देगा। बयान के अनुसार, ओबामा ने कहा, “ये तथा अन्य कदम हमारे सैन्य सहायता संबध को परिष्कृत करने में मददगार होंगे ताकि एक अस्थिर क्षेत्र में अमेरिका और मिस्र के हितों के सामने खड़ी साझी चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटा जा सके।” अल-सीसी से बातचीत में ओबामा ने मिस्र द्वारा अहिंसक कार्यकताओं को लगातार जेल भेजने और सामूहिक मुकदमों पर चिंता व्यक्त की।

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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