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दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और बिगड़ी

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नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रातों-रात पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) में तेज वृद्धि से मंगलवार को वायु गुणवत्ता और ज्यादा बिगड़ गई। विशेषज्ञों ने लोगों से घरों के भीतर भी किसी प्रकार की तेज शारीरिक गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 11 बजे 398 था, वहीं सोमवार को एक्यूआई 367 और रविवार को 366 प्वाइंट दर्ज किया गया था, जो कि ‘अति खराब’ की श्रेणी में आता है। हालांकि यह शहर के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग है।

गाजियाबाद में एक्यूआई 444 प्वाइंट एक्यूआई दर्ज किया गया, जो सोमवार से 14 प्वाइंट ऊपर था और यह भी ‘अति खराब’ की श्रेणी में आता है।। गुरुग्राम में 422 और नोएडा में 410 एक्यूआई दर्ज किया गया।

आनंद विहार में एक्यूआई 450 दर्ज किया गया, जो स्वस्थ लोगों को प्रभावित करेगा और पहले से बीमार लोगों पर गंभीर प्रभाव डालेगा। इसी तरह रोहिणी में 451 और जहांगीरपुरी में 453 एक्यूआई दर्ज किया गया, जो पूरे एनसीआर में सबसे ज्यादा खराब है।

दिल्ली का पीएम2.5, 261 प्वाइंट जबकि पीएम10, 471 प्वाइंट था। वहीं दिल्ली एनसीआर में पीएम2.5, 254 और पीएम10, 458 प्वाइंट दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के मुताबिक, अति खराब वायु गुणवत्ता के लिए पीएम2.5 250-300 और पीएम10 430-500 के बीच रहना चाहिए।

शहर में मंगलवार सुबह धुंध की मोटी परत छाई रही, जिसके दृश्यता प्रभावित हुई।

विज्ञान और पर्यावरण केंद्र में अनुसंधान सहायक शांभवी शुक्ला ने कहा, ” जब सूर्य का प्रकाश पीएम पर पड़ता है तो उसका प्रतिबिम्ब है धुंध और स्मॉग, फॉग व पीएम का मिश्रण है।”

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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