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प्रादेशिक

तोगड़िया पर पाबंदी को चुनौती देगी विहिप

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कोलकाता | विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रदेश में प्रवीण तोगड़िया के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर जारी निषेधात्मक आदेश को वह कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती देगी। बुधवार को विहिप नेता के खिलाफ निषेधात्मक आदेश जारी करते हुए कहा गया कि प्रदेश में उनकी उपस्थिति से सांप्रदायिक तनाव व सार्वजनिक शांति के भंग होने का खतरा पैदा हो सकता है।

विहिप के संगठन महासचिव (पूर्व) सचिंद्र नाथ सिन्हा ने कहा, “निषेधात्मक आदेश जारी करने के अलावा उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज में होने वाली हमारी जनसभा की मंजूरी को भी रद्द कर दिया गया है, जिसे तोगड़िया संबोधित करने वाले थे। इन दोनों फैसलों के खिलाफ आज (गुरुवार) हम कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख कर रहे हैं।” सिन्हा ने कहा, “निषेधात्मक आदेश मनमाने ढंग से लिया गया फैसला है और यह कानून के खिलाफ है। इसे कानूनी तौर पर चुनौती देने के लिए हम आज न्यायालय जा रहे हैं।” इससे पहले, जनवरी में बीरभूम जिले के खरमदंगा गांव में जनजाति समुदाय के 100 से अधिक लोगों का धर्मातरण कर उनकी धार्मिक भावना को आहत करने के आरोप में तोगड़िया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विहिप ने ‘घर वापसी’ कार्यक्रम का आयोजन कर लगभग 150 ईसाइयों का जबरन धर्मातरण कर दिया। वहीं विहिप ने आरोपों का खंडन किया था और इसे केवल एक धार्मिक समारोह बताया था। वहीं, तोगड़िया ने बंगाल सरकार के कदम को गलत और हास्यास्पद करार दिया।

तोगड़िया ने कहा, “क्या ममता दीदी सड़क पर नामाज अदा करने वाले नमाजियों को, गुड फ्राइडे की प्रार्थना के लिए जा रहे ईसाइयों या हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस निकाल रहे लोगों को गिरफ्तार करेंगी? सर्वोच्च न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 66ए को रद्द कर दिया है, जिसकी पहुंच करोड़ों लोगों तक है, फिर दो हजार लोगों की जनसभा के लिए एक व्यक्ति पर पाबंदी क्यों लगाई गई है?” उन्होंने कहा, “आश्चर्य होता है कि ममता दीदी को इस तरह की पाबंदी की लगाने की सलाह किसने दी।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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