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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में नए विधेयक से भारतवंशी चिकित्सक खुश

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भारतवंशी अमेरिकी चिकित्सक, एएपीआई, एसजीआर, डॉ. रवि जागीरदार, भारत-अमेरिका, अमेरिकी सांसदों

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वाशिंगटन| भारतवंशी अमेरिकी चिकित्सकों की संस्था एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन फिजीशियन ऑफ इंडियन ओरिजन (एएपीआई) ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित उस विधेयक का स्वागत किया है, जो 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गो के लिए सरकारी स्वास्थ्य बीमा, मेडिकेयर के लिए चिकित्सकों को किए जाने वाले पुनर्भुगतान प्रक्रिया को नया रूप प्रदान करेगा। अगर सीनेट से इस विधेयक को मंजूरी मिल जाती है, तो यह विधेयक वर्तमान में प्रयोग में मौजूद टिकाऊ विकास दर (एसजीआर) फार्मूला समाप्त हो जाएगा। एसजीआर फार्मूला चिकित्सकों की सेवाओं के खर्च की उच्चतम सीमा निर्धारित करता है। एएपीआई के अध्यक्ष डॉ. रवि जागीरदार ने कहा, “हम इस ऐतिहासिक विधेयक को पारित होने से बहुत खुश और अमेरिकी कांग्रेस के शुक्रगुजार हैं।” उन्होंने अमेरिकी सीनेट से यह विधेयक अविलंब पारित करने का आग्रह किया।

लगभग, 1,00,000 भारतवंशी अमेरिकी चिकित्सकों, शोधार्थियों और छात्रों वाले इस सबसे बड़े संगठन एएपीआईए के सदस्य कई सालों से एसजीआर फार्मूले को समाप्त करने की पैरवी कर रहे हैं। मीडिया को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसजीआर विधेयक 26 मार्च को पारित हुआ है। उसी दिन एपीआई कैपिटल हिल पर अपना विधायी दिवस मना रही थीं। यह आयोजन अमेरिका में व्यापक चिकित्सक समुदाय के लिए अपनी आवाज बुलंद करने के लिए था। अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में भारतवंशी अमेरिकी चिकित्सकों और भारत-अमेरिका की साझेदारी को बढ़ावा देने में समुदाय की भूमिका की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था, “एएपीआई यहां अमेरिका और भारत में कार्य करने वाला और भारत-अमेरिकी के संबधों में सुधार और विस्तार में सहयोग देने वाला जबरदस्त संगठन है।”

 

कई अमेरिकी सांसदों ने कड़ी मेहनत, रोगियों के लिए प्रतिबद्धता और अमेरिका के स्वास्थ्य देखभाल को हर किसी के लिए वहनीय, सुलभ और कुशल बनाने के अनवरत प्रयासों के लिए भारतवंशी चिकित्सकों की प्रशंसा की। अमेरिकी कांग्रेस में इकलौती भारतवंशी अमेरिकी चिकित्सक एमी बेरा ने एक चिकित्सक के तौर पर प्रगति के खुद के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि हम अपनी पीढ़ी को अगले स्तर पर ले जाएं और बहुत से अन्य भारतवंशी अमेरिकी कांग्रेस में निर्वाचित हों।” जागीरदार ने कहा, “एएपीआई स्वास्थ्य देखभाल के कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाने में एक बार फिर सफल रहा है, जिनका चिकित्सक समुदाय सामना कर रहा है।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे लगभग 250 रॉकेट, 7 लोग घायल

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बेरूत। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से हमला किया। इस हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। हिजबुल्लाह का यह हमला पिछले कई महीनों में किया गया सबसे भीषण हमला है, क्योंकि कुछ रॉकेट इजरायल के मध्य में स्थित तेल अवीव इलाके तक पहुंच गए।

इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह द्वारा इजराइल पर दागे गए हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया. युद्ध विराम के लिए वार्ताकारों की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच हिजबुल्लाह ने ये हमले बेरूत में घातक इजराइली हमले के जवाब में किये

सेना का अभियान चरमपंथियों के खिलाफ

इसी बीच लेबनान की सेना ने कहा कि इजराइल के हमले में रविवार को लेबनान के एक सैनिक की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए. इस घटना पर इजराइल की सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला हिजबुल्लाह के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में किया गया और सेना का अभियान केवल चरमपंथियों के खिलाफ हैं.

 

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