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कलाकारों की अपील, पाकिस्तान ‘मंटो’ से प्रतिबंध हटाए

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 मुंबई, 16 दिसंबर (आईएएनएस)| भारतीय फिल्म निर्माता नंदिता दास की फिल्म ‘मंटो’ को पाकिस्तान में रिलीज किए जाने की मंजूरी नहीं दिए जाने पर निराशा जताते हुए कई कलाकारों व लखकों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से प्रतिबंध हटाने की अपील की है।

  पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने हालांकि मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, साथ ही एक ऑनलाइन याचिका में प्रधानमंत्री इमरान खान से फिल्म की स्क्रीनिंग से प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया गया है।

नंदिता दास ने शनिवार को ट्वीट किया था, “मंटो को पाकिस्तान के थिएटरों में नहीं दिखाया जाना निराशाजनक है। मैं बहुत उत्सुक थी, क्योंकि मंटो समान रूप से दोनों देशों से ताल्लुक रखते थे।”

उनके पोस्ट में एक समाचार वेबसाइट का लिंक संलग्न था, जिसमें बताया गया था कि फिल्म सीमा पार क्यों नहीं करने जा रही है। इस पर जवाब देने के लिए मंत्री फवाद चौधरी को आगे आना पड़ा।

चौधरी ने कहा, “मैं इस फिल्म को पाकिस्तान लाने के लिए आयातकों से बात करने का प्रयास कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि कोई न कोई एक कम व्यावसायिक फिल्म को दर्शकों को दिखाने का जोखिम जरूर लेगा।”

नंदिता ने इसकी प्रतिक्रिया में मंत्री को ‘शुक्रिया’ कहा।

यह फिल्म कहानीकार सआदत हसन मंटो की जिंदगी के पहलुओं को दर्शाती है।

पाकिस्तान के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष दनयाल गिलानी ने सोशल मीडिया के जरिए आईएएनएस को बताया, “मंटो को बोर्ड द्वारा मंजूरी नहीं दी गई, क्योंकि सदस्यों ने इसमें सेंसरशिप कोड का उल्लंघन पाया है।”

उन्होंने कहा, हालांकि आयातकों के पास अधिकार है कि वे इस आदेश की समीक्षा के लिए अनुरोध कर सकें।

पाकिस्तान के उद्योग सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ‘मंटो’ के व्यावसायिक रूप से सफल नहीं होने की आशंका के कारण इसे आयात नहीं किया जा रहा है।

डॉन न्यूजपेपर के मुताबिक, एक ऑनलाइन याचिका शुरू की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान से फिल्म की स्क्रीनिंग पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की गई है।

इस खुले पत्र में कहा गया है कि नंदिता दास निर्देशित और समीक्षकों से प्रशंसित फिल्म ‘मंटो’ उर्दू लेखक की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को छूती है, जिन्होंने देश के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान को अपना घर चुना। दुनियाभर के दर्शकों और फिल्म समीक्षकों ने इस फिल्म की प्रशंसा की।

पत्र में कहा गया है, “हालांकि यह चिंता का एक बड़ा विषय है कि पाकिस्तान ने हाल ही में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। फिल्म पर प्रतिबंध लाने के निराशाजनक फैसले ने लेखकों, कवियों, पाकिस्तन के साहित्य गलियारे के बुद्धिजीवियों के बीच शोरगुल मचा दिया है।”

नंदिता के लिए यह एक उम्मीद की किरण है।

अभिनेत्री-फिल्म निर्माता ने प्रयासों की सराहना करते हुए रविवार को ट्वीट कर कहा, “मैं कार्यकर्ताओं, लेखकों, कलाकारों और पाकिस्तान के चिंतित नागरिकों की आभारी हूं, जो अपने आप साथ आए और अपने प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा।”

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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