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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश : जमात नेता की फांसी बरकरार रहने पर बंद

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ढाका | बांग्लादेश में एक अदालत द्वारा जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के नेता व युद्ध अपराधी मोहम्मद कमरुज्जमान की मृत्युदंड पर समीक्षा याचिका खारिज किए जाने और फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद पार्टी ने इसके विरोध में सोमवार को दो दिवसीय बंद बुलाया है। समाचार एजेंसा सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय के अपीलीय प्रभाग की एक पीठ द्वारा सोमवार को कमरुज्जमान की समीक्षा याचिका खारिज किए जाने के कुछ देर बाद ही जेआई ने हड़ताल कर दी, जो मंगलवार रात तक चलेगी।

जमात का कहना है कि कमरुज्जमान निर्दोष हैं और 1971 के युद्ध अपराधों से उनका कोई वास्ता नहीं है, क्योंकि उस समय वह हाईस्कूल के छात्र थे। उन्होंने कमरुज्जमान को रिहा करने की मांग भी की। इस बीच, कमरुज्जमान के वकील शिशिर मुनीर ने बताया कि वह राष्ट्रपति को दया याचिका नहीं भेजेंगे। कमरुज्जमान को 2012 में मानवता के खिलाफ सात अपराधों का दोषी करार दिया गया था। उसे 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान लूट-पाट, सामूहिक हत्याओं, आगजनी, दुष्कर्म और लोगों को जबरन मुस्लिम बनाने का दोषी पाया गया था।

बांग्लादेश के युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने जमात नेता कमरुज्जमान को पाकिस्तानी बलों का सहयोग करने और सामूहिक हत्याएं करने सहित अन्य युद्ध अपराधों का दोषी पाया था। करुज्जमान को 2013 में मृत्युदंड दिया गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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