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बीजेपी से मुकाबले के लिए बन गया महागठबंधन, इस वजह से कांग्रेस का पत्ता हुआ साफ!
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही समय बाकी है ऐसे में तमाम राजनीतिक दल चुनाव के मद्देनजर जोरशोर से तैयारियां कर रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को उत्तर प्रदेश में मात देने के लिए अखिलेश यादव और मायावती की पार्टी ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का यह गठबंधन लगभग तय चुका है। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को इस महागठबंधन पर दोनों नेता संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान कर सकते हैं।
इसका मतलब साफ है कि दोनों पार्टियों में गठबंधन पक्का है और इसमें कांग्रेस शामिल नहीं है। 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अब एक तरफ जहां बीजेपी होगी तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव और मायावती की जोड़ी होगी।
आपको बता दें कि दोनों वही पार्टियां हैं जो कभी सार्वजनिक मंचों से एक दूसरे को जमकर कोसा करती थी लेकिन अब दोनों ही दलों के नेताओं ने पुरानी रंजिशों को भुलाकर एक साथ आने का फैसला कर लिया है। आइए जानते हैं एक दूसरे के धूर विरोधी रहे सपा बसपा को क्यों बनाना पड़ा महागठबंधन।
विधानसभा बीजेपी को प्रचंड बहुमत
2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही थीं लेकिन चुनाव में दोनों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा जबकि रेस से बाहर दिख रही बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल गया। यही वजह है कि बीजेपी की काट निकालने के लिए दोनों दलों को एक साथ आना पड़ा।
उपचुनाव में दोनों दलों के साथ का फॉर्मूला हिट हुआ था
फूलपूर और गोरखपुर उपचुनाव में दोनों के साथ आने का फॉर्मूला हिट हुआ था। बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट माने जाने वाली गोरखपुर में दोनों ने साथ लड़ा और जीत हासिल की।
इस वजह से कांग्रेस का पत्ता हुआ साफ
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत लगतार कमजोर होती गई। कांग्रेस को जहां राज्य में एक फिर बार खड़ा होने के लिए सहारे की जरूरत थी ऐसे में दोनों ने गठबंधन में उसको जगह नहीं दी। विधानसभा चुनाव में सपा कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ी थी और यह गठबंधन फ्लॉप साबित हुआ था। इस चुनाव में सपा 47 और कांग्रेस 7 सीटें ही जीतने में सफल रही।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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