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रूस : 2 पोतों में आग से 14 मरे, मरने वालों में कई भारतीय भी

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 मास्को, 22 जनवरी (आईएएनएस)| रूस और क्रीमिया को अलग करने वाले केर्च जलडमरूमध्य के पास दो पोतों में आग लगने की घटना में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई।

  दोनों पोतों में भारतीय क्रू सदस्य सवार थे। क्रीमिया प्रधानमंत्री सर्गेई अक्स्योनोव ने मंगलवार को यह बात कही। रूस की समाचार एजेंसी तास के अनुसार, “प्राथमिक सूचना बताती है कि सोमवार रात दोनों पोत कैंडी और मेस्ट्रो में तेल स्थानांतरित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन पंप के विफल होने की वजह से आग लगी। यह प्रक्रिया सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर की जा रही थी।”

दोनों जहाजों पर कुल 32 क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें कुछ तुर्की और भारतीय थे।

समाचार एजेंसी का कहना है कि कैंडी में चालक दल के 17 सदस्य थे, जिनमें आठ भारतीय व नौ तुर्की के नागरिक थे, जबकि मेस्ट्रो में सात भारतीय, सात तुर्की और लीबिया का एक प्रशिक्षु सवार था।

समुद्री व नदी यातायात के लिए रूसी फेडरल एजेंसी के प्रवक्ता ने मंगलवार को समाचार एजेंसी तास को बताया कि अब तक 14 शव बरामद किए गए हैं और 12 लोगों को बचाया जा चुका है और अब अन्य किसी के भी बचने की संभावना नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “सुबह छह बजे, अभियान की स्थिति को बचाव से तलाश में वर्गीकृत किया गया क्योंकि किसी के भी बचने की उम्मीद नहीं है।”

उन्होंने कहा, “पोत में आग लगातार भड़क रही है। इसे तब तक नहीं बुझाया जा सकता, जबतक पूरी गैस जल नहीं जाएगी।”

उन्होंने कहा, “बचाए गए नाविकों को खराब मौसम की वजह से अभी तक किनारे पर नहीं लाया जा सका है।”

घटना में मारे गए लोगों की पहचान अभी तक नहीं हुई है।

आरटी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पोतों पर तंजानिया का झंडा फहरा रहा था। एक में द्रवीकृत प्राकृतिक गैस था और दूसरा एक टैंकर था।

क्रीमियाई बंदरगाह के निदेशक ने कहा कि दुर्घटना से समुद्री आवागमन में व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ है और केर्च जलडमरूमध्य के रास्ते पोतों का आना-जाना जारी है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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