Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

आखिर मोबाइल में क्यों होता है फ्लाइट मोड का ऑप्शन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Published

on

Loading

आज के दौर में फ़ोन किसी भी कंपनी का हो, उसमें ‘फ्लाइट मोड’ का ऑप्शन होता ही है। लेकिन क्या आपको पता है हम लोगों के फ़ोन में ये ऑप्शन क्यों दिया जाता है? आइए आज हम आपको इस बारे में बताते है।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

आपको बता दें, सभी फ़ोन में फ्लाइट मोड पाया जाता है। क्योंकि फोन में विद्युत चुंबक होता है। और फोन में आने वाली विद्युतीय सिग्नल फ्लाइट के सिग्नल को भी हैंग कर सकता है। इसीलिए फोन को फ्लाइट मोड पर रखा जाता है ताकि फोन की विद्युतीय सिग्नल हवाई जहाज के विद्युतीय सिग्नल से ना मिले।

IMAGE COPYRIGHT: GOOGLE

जब मोबाइल को ‘फ्लाइट मोड’ पर रखने से आपके फ़ोन की सारी डेटा सर्विस जैसे WiFi, GSM, ब्लूटूथ आदि डिसेबल हो जाते है। फ्लाइट का लैंडिंग और टेक ऑफ होना दोनों ही संवेदनशील ऑपरेशन है जिनमें बेहद सतर्कता और सावधानी रखने की जरूरत होती है।

ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

Published

on

Loading

चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

Continue Reading

Trending