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वित्त वर्ष 2019 के लिए 7 फीसदी विकास दर गिरावट का सूचक नहीं : गर्ग

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)| सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 2018-19 की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर (सात फीसदी) को अगर पिछले दो वित्त वर्षो की विकास दरों के संदर्भ में देखा जाए तो कोई गिरावट का सूचक नहीं है। आर्थिक मामलों के विभाग (डीईएफ) के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि जीडीपी के दूसरे अग्रिम अनुमान को उच्चतर आधार में देखा जाता है।

गर्ग ने कहा, “संवृद्धि को उच्चतर आधार के रूप में देखने की जरूरत है।”

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने गुरुवार को जारी वित्त वर्ष 2019 की राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान में सात फीसदी की वृद्धि का आकलन किया, जोकि प्रथम अग्रिम अनुमान 7.2 फीसदी से कम है। सीएसओ ने जीडीपी विकास दर में कमी का कारण कृषि और विनिर्माण क्षेत्र की सुस्ती बताई।

गर्ग ने कहा, “पिछले साल और उससे पहले के साल में जीडीपी में संशोधन किया गया। संवृद्धि उससे ऊपर है। संशोधित वास्तविक जीडीपी 2018-19 के प्रथम अनुमान से बढ़कर 144 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार पूर्व के अनुमानों से वास्तव में जीडीपी में वृद्धि हुई है।”

उन्होंने कहा, “इसी प्रकार मौद्रिक जीडीपी में संशोधन के बाद यह 188 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 190 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार प्रथम अनुमान के मुकाबले संशोधिक जीडीपी में वृद्धि हुई है। इसलिए संशोधन के कारण सात फीसदी की विकास दर को ज्यादा बड़े आधार के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।”

डीईए सचिव ने कहा, “पिछले साल शुरुआत में जीडीपी विकास दर 6.7 फीसदी थी, जबकि इस साल का अनुमान 7.2 फीसदी था। अब पिछले साल की जीडीपी विकास दर में संशोधन के बाद इसे 7.2 फीसदी कर दिया गया है, जबकि 2018-19 की जीडीपी विकास दर का अनुमान सात फीसदी है। अगर इन घटकों को एकसाथ लिया जाए तो जीडीपी विकास दर असल में 6.9 फीसदी से बढ़कर 7.1 फीसदी होती है। इसलिए किसी प्रकार की गिरावट नहीं है।”

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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