प्रादेशिक
भोजपुरी को ‘इंटरनेट फ्रेंडली’ बनाने में जुटा बीएचयू
वाराणसी| भोजपुरी बोलने वाले करीब 20 करोड़ लोगों के लिए एक खुशखबरी है। अब जल्द ही लोग इंटरनेट पर भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल कर सकेंगे। बनारस (काशी) हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान व भोजपुरी अध्ययन केंद्र मिलकर भोजपुरी को इंटरनेट फ्रेंडली बनाने में जुटे हुए हैं। यह प्रयोग सफल होने के बाद मैथिली और मगही भाषा को भी इंटरनेट फ्रेंडली बनाने का प्रयास शुरू किया जाएगा। भोजपुरी अध्ययन केंद्र की इस योजना का मूल उद्देश्य भोजपुरी को हिंदी व अन्य भाषाओं की तरह सहज व सुलभ बनाना है, ताकि लोग आसानी से इसे इंटरनेट पर भी पढ़ सकें। लिप्यंतरण के आभाव में ही भोजपुरी को कई प्रकार के माध्यमों में लिख पाना बहुत मुश्किल होता है।
इस योजना की निगरानी का जिम्मा खुद आईआईटी-बीएचयू के निदेशक राजीव संगल कर रहे हैं। भोजपुरी लिप्यंतरण को सुलभ बनाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदाराबाद की मदद भी ली जाएगी। इस मुहिम को लेकर पिछले दिनों ही भोजपुरी अध्ययन केंद्र और आईआईटी (बीएचयू) ने मिलकर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया था। बीएचयू आईआईटी के निदेशक राजीव संगल ने कहा, “मातृभाषाओं में शिक्षा के माध्यम से ही मानसिक गुलामी दूर की जा सकती है। हमारा दायित्व बनता है कि पूर्वाचल क्षेत्र की मातृभाषा भोजपुरी को इस कदर समर्थ और सशक्त बनाएं कि वह आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें।”
उन्होंने कहा कि भोजपुरी को कम्प्यूटर और इंटरनेट सक्षम बनाने के लिए तकनीकी दक्षता विकसित करनी होगी। भोजपुरी अध्ययन केंद्र और आईआईटी, बीएचयू मिलकर इस कार्य को बखूबी अंजाम देने में जुटे हुए हैं। बीएचयू कम्प्यूटर साइंस विभाग के ए़ के. सिंह ने आईएएनएस को बताया, “भोजपुरी को इंटरनेट पर लाने को लेकर भोजपुरी-हिंदी और हिंदी-भोजपुरी के ट्रांसलिटरेशन का काम चल रहा है।” उन्होंने कहा कि भोजपुरी के अलग-अलग रूपों को ध्यान में रखते हुए एक बहुत बड़ा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसमें यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि एक ही शब्द का अलग-अलग जगह अलहदा तरीके से उच्चारण होता है। भोजपुरी को इंटरनेट फ्रेंडली बनाने के लिए यह बहुत जरूरी है। सिंह ने कहा, “अभी मशीन के ट्रांसमिशन के पार्ट बनाने पर काम चल रहा है। जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यह प्रयोग सफल होने के बाद उत्तर बिहार और नेपाल में बोली जाने वाली मैथिली और मगध क्षेत्र की मगही भाषा को भी इंटरनेट फ्रेंडली बनाने का प्रयास शुरू किया जाएगा। बीएचयू में भोजपुरी अध्ययन केंद्र के संयोजक डॉ. सदानंद शाही ने कहा, “आधुनिक समय में जब तक किसी भाषा को हर संभव माध्यम में जगह नहीं मिलेगी, तब तक उसका प्रचार-प्रसार सही तरीके से नहीं हो सकेगा। इंटरनेट पर सही जगह न मिल पाने की वजह से ही भोजपुरी अन्य भाषाओं की अपेक्षा तेजी से पिछड़ती जा रही है।” उन्होंने कहा कि लगभग 20 करोड़ लोगों के बीच बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को पहचान दिलाने लिए यह अच्छी मुहिम शुरू हुई है, भोजपुरी अध्ययन केंद्र इस मुहिम में अपनी भूमिका का निर्वाह करेगा।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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