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उत्तराखंड

उत्तराखंडः इस बड़ी योजना से 2020 तक चमक उठेंगे सभी राजस्व ग्राम

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देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

बैठक में ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं एवं राज्य में संचालित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संबंध में सचिव ऊर्जा राधिका झा द्वारा सभी कार्यक्रमों की प्रगति के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया।

प्रस्तुतीकरण में योजनावार अद्यतन उपलब्धियों की जानकारी दी गई तथा निर्धारित लक्ष्यों की समयबद्ध रूप से प्राप्ति के लिए निर्णय हुए।

सचिव ऊर्जा द्वारा बताया गया कि प्रदेश के समस्त राजस्व ग्रामों का विद्युतीकरण पूर्ण कर लिया गया है। यह निर्णय लिया गया कि, प्रदेश के अवशेष समस्त 1343 तोकों का विद्युतीकरण जनवरी 2020 तक पूर्ण कर लिया जाए।

बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीणों को सुचारू रूप से विद्युत उपलब्ध कराए जाने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध जल स्रोतों पर आधारित माईक्रो हाईडिल परियोजनायें स्थापित कराई जाएं जिससे दूरस्थ क्षेत्रों तक ग्रिड लाईन लिए जाने में होने वाले व्यय तथा विद्युत हानि को कम कराया जा सके।

यह भी निर्णय लिया गया कि ऑफ ग्रिड एरिया में माइक्रो हाईडल परियोजनाओं की स्थापना हेतु एक नीति तैयार की जाए जिसमें इन योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव आदि की व्यवस्था की भी सहमति हो।

बैठक में तय हुआ कि प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं के विकास हेतु  Condusive Environment  तैयार किए जाने के लिए हाइड्रो पावर एवं  रिनीबल एनर्जी विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भी कराया जाए।

सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि आर.ई.सी के के माध्यम से संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यो पर स्टेट जी.एस.टी ( एस.जी.एस.टी ) का भुगतान विद्युत मंत्रालय द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने अपने स्तर से विद्युत मंत्रालय को पत्र भेजने के निर्देश दिए।

व्यासी जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण की प्रगति की समीक्षा पर पाया गया कि कार्यों के संपादन की गति धीमी है। बैठक में सीपीएसयूएस के साथ ज्वाइंट वैंचर (संयुक्त तत्वाधान) में निर्माण कार्यों को गति प्रदान करने पर विचार किया गया।

प्रत्येक जल विद्युत परियोजना के संबंध में केंद्र सरकार तथा सीपीयूएस के प्रबंध निदेशक के साथ वन-टू-वन बैठक कर इन परियोजनाओं को पूर्ण कराए जाने के लिए संसाधन विकसित करने पर विचार किया गया।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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