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सावरकर पर दिग्विजय सिंह ने दिया बड़ा बयान, कहा-हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन….

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नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में वीर सावरकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की ‘भारत बचाओ’ रैली में राहुल गांधी के सावरकर पर की गई टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक उथल पुथल देखने को मिल रही है।

जहां एक ओर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राहुल गांधी के इस बयान के बाद उन पर लगातार निशाना साध रहे हैं वहीं कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के बचाव में उतर आई है। इस बीच दिग्विजय सिंह ने भी सावरकर को लेकर बड़ा बयान दिया है।

एक टीवी चैनल से की गई खास बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम सावरकर का सम्मान करते हैं। बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं इतना ही कह सकता हूं कि दामोदर राव सावरकर के जीवन के दो पहलू हैं। एक वो है जब ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए उन्हें सज़ा हुई और कालापानी भेजा गया।

दिग्विजय सिंह ने कहा, सावरकर के जीवन का दूसरा पहलू माफी लिखकर जेल से निकलने का है। माफी मांग कर जेल से निकलने के बाद उन्होंने अपने पूरे समय पूरे देश में ब्रिटिश हुकूमत की बांटो और राज करो की नीति को ही आगे बढ़ाया। इसलिए दोनों ही पहलू उनके जीवन में रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं कहता हूं, जो भी व्यक्ति देश के लिए लड़ा है, हम उसका सम्मान तो करते हैं, लेकिन माफी मांगना एक अलग इतिहास है।’

 

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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