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मनोरंजन

इस मुस्लिम एक्टर ने बॉलीवुड में की थी होली की शुरूआत, जमकर खेला था रंग!

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नई दिल्ली। बॉलीवुड फिल्मों और होली के त्योहार का बहुत पुराना नाता रहा है। फिल्मों में होली की धूम कई दशकों से दिखाई जा रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि पहली भार बड़े पर्दे पर रंगों भरी होली कब दिखाई गई थी? हम बताते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार जिस फिल्म में होली के सीन थे वह फिल्म ‘औरत’ थी। लेकिन यह एक ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म थी। इसमें होली का जश्न तो दिखा, मगर असल रंग नहीं दिख पाए।

फिल्मों होली के असल रंग का श्रेय दिलीप कुमार की फिल्म आन को जाता है। दिलीप कुमार का असली नाम युसुफ खान है। 50 के दशक में बनी इस फिल्म में लोगों को पहली बार पर्दे पर रंगीन होली देखने को मिली थी।

फिल्म में दिलीप कुमार और निम्मी की जोड़ी नाचते-गाते होली खेलते दिखी थी। दिलीप कुमार की टेक्नीकलर फिल्म ‘आन’ में ही सबसे पहले दर्शकों को होली के असली रंगों को पर्दे पर देखा था. उस वक्त अलग-अलग रंगों के साथ होली के गीतों पर नाचते-गाते कलाकारों को देखना मानो जादुई था।

फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर महबूब खान थे। फिल्म में प्रेमनाथ और नादिरा भी थे। ये नादिरा की पहली फिल्म भी थी। फिल्म का होली गीत ‘खेलो रंग हमारे संग’ बेहद शानदार बन गया था। ये गाना काफी समय तक दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना रहा।

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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