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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना वायरस का अंत आया नजदीक, तेजी से असर करने वाली दवा की हुई खोज!

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है। इस जानलेवा वायरस से अब तक 50 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है, वहीं 10 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं।

हर देश इस वायरस को रोकने का पूरा प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक किसी भी देश को हाथों कामयाबी नहीं लगी है। इस बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की दवा को लेकर बड़ा दावा किया है।

अमेरिकी वैज्ञानिकों के मुताबिक उनकी वैक्सीन ने उस स्तर की ताकत हासिल कर ली है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को मजबूती से रोका जा सके। पूरी दुनिया भर के वैज्ञानिक इस घातक बीमारी की दवा खोजने में लगे हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे बाकी देशों की तुलना में बहुत जल्द कोविड-19 कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित कर चुके हैं।

यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना वायरस (कोविड-19) की वैक्सीन बनाने के लिए सार्स (SARS) और मर्स (MERS) के कोरोना वायरस को आधार बनाया था।

पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि ये दोनों सार्स और मर्स के वायरस नए वाले कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से बहुत हद तक मिलते हैं।

इससे हमें ये सीखने को मिला है कि इन तीनों के स्पाइक प्रोटीन (वायरस की बाहरी परत) को भेदना बेहद जरूरी है ताकि इंसानों के इस वायरस से मुक्ति मिल सके। प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने कहा कि हमें यह पता कर लिया है कि वायरस को कैसे मारना है। उसे कैसे हराना है। उन्होंने बताया कि हमने अपनी वैक्सीन को चूहे पर आजमा कर देखा और इसके परिणाम बेहद सफल रहे हैं।

प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि इस वैक्सीन का नाम हमने पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा है। इस वैक्सीन की असर की वजह से चूहे के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा हो गए हैं जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं।

प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि कोविड-19 कोरोना वायरस को रोकने के लिए जितने एंटीबॉडीज की जरूरत शरीर में चाहिए, उतनी पिटगोवैक वैक्सीन पूरी कर रहा है। हम बहुत जल्द इसका परीक्षण इंसानों पर शुरू करेंगे।

पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की यह टीम अगले कुछ महीनों में इस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू करेगी। यह वैक्सीन इंजेक्शन जैसी नहीं है। यह एक चौकोर पैच जैसी है, जो शरीर के किसी भी स्थान पर चिपका दी जाती है।

इस पैच का आकार उंगली के टिप जैसा है। इस पैच में 400 से ज्यादा छोटी-छोटी सुइयां है जो शक्कर से बनाई गई हैं। इसी पैच के जरिए उसमें मौजूद दवा को शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है। वैक्सीन देने का यह तरीका बेहद नया है और कारगर है।

हालांकि, गमबोट्टो की टीम ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस एंटीबॉडी का असर कितनी देर रहेगा चूहे के शरीर में। लेकिन टीम ने कहा कि हमने पिछले साल MERS वायरस के लिए वैक्सीन बनाई थी जो बेहद सफल थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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