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कोरोना के खतरे को देखते हुए जेल के कैदियों ने मानी पीएम मोदी की बात, हर रोज कर रहे ये काम
नई दिल्ली। कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए इस समय पूरे देश में लॉकडाउन है। फिलहाल अबतक किसी भी देश को इसकी वैक्सीन बनाने में कामयाबी नहीं मिली है। यही कारण है कि इस वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है। पीएम मोदी भी बार-बार देश के नाम संबोधन में सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ को बार-बार धोने पर जोर दे रहे हैं। इस बीच आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिससे लापरवाही बरतने वाले लोग सीख ले सकते हैं।
दरअसल, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जेल में बंद कैदी दिन में पांच से छह बार बार हाथ धोने के साथ सोशल डिस्टेंडिंग का भी पूरा ध्यान रखकर यह साबित कर रहे है कि वह जनता से कही अधिक जागरूक हैं। जेल प्रशासन भी कैदियों को इस महामारी से बचाने के लिए पूरा एहतियात बरत रहे है। हाल ही में जेल के सलाखों से बाहर आये कैदियों से बातचीत में यह बात सामने आई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल से रिहा हुए कैदियों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर जेलों में बहुत सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए जेल की प्रत्येक बैरक के मुख्य प्रवेश द्वार पर पानी की टंकी रखी गयी है। बन्दी को बैरक से बाहर निकलने और वापस आने के बाद बैरक में प्रवेश करने से पहले साबुन से हाथ धोना पड़ता है। बंदियों के मुताबिक उन्हें दिन में जेल अस्पताल आने-जाने दो बार भोजन लेने के लोए बैरक से बाहर निकलना ही पड़ता है। इस आवागमन की वजह से उन्हें पांच- छह बार हाथ धोना ही पड़ता है।
बैरक में बगैर हाथ पैर धोये घुसने का प्रयार करने वाले बंदी को बैरक के बंदी ही बाहर भाग देते है। बैरक से बाहर निकलने पर सुरक्षाकर्मी बंदियों पर एक दूसरे से दूरी (सोशल डिस्टेंडिंग) बनाये रखने पर नज़र रखते है। इस प्रक्रिया से बचने के लिए तो कई बंदी पूरा दिन बैरक में ही बिता देते है। बताया गया है कि बंदियों के साथ साथ जेल प्रशासन के अधिकारी भी महामारी को लेकर सतर्क है। दिन में एक बार बैरक को नियमित रूप से सेनेटाइज भी कराया जाता है।
इन दिनों जेल में आने वाले प्रत्येक नए बंदी को पहले 14 दिन अलग अलग आईसोलेशन में रखा जा रहा है। 14 दिन बाद में भी इन बंदियों को पहले के बंदियों के साथ रखने के बजाय अलग बैरक में रखा जाता है। रिहा बंदियों के मुताबिक जेल में प्रतिदिन सुबह और शाम को कंट्रोल रूम के लाउडस्पीकर के माध्यम से बार बार हाथ धोने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने की हिदायते भी दी जाती रहती है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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