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प्रादेशिक

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर हुए 2645

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या बढ़ती जा रही है। रविवार को राज्य में 139 नए मामले सामने आए। प्रदेश में कोराना से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में कुल संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2645 पहुंच गया है। कोरोना अब प्रदेश के 64 जिलों में अपने पांव पसार चुका है।

संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ़ विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में अब तक 596, लखनऊ में 226, गाजियाबाद में 82, नोएडा में 168, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 256, पीलीभीत में 3, मुरादाबाद में 115, वाराणसी में 64, शामली में 27, जौनपुर में 8, बागपत में 17, मेरठ में 114, बरेली में 10, बुलंदशहर में 55, बस्ती में 32, हापुड़ में 34, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 8, फिरोजाबाद में 147, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 10, सहारनपुर में 202, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 7, महाराजगंज में 7, हाथरस में 7, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 44 में संक्रमित हैं।

इसी तरह औरैया में 12, बाराबंकी में 2, कौशांबी में 2, बिजनौर में 34, सीतापुर में 20, प्रयागराज में 10, मथुरा में 27, बदायूं में 16, रामपुर में 25, मुजफ्फरनगर में 24, अमरोहा में 30, भदोही में 2, इटावा में 3, कासगंज में 2, संभल में 21, उन्नाव में 3, कन्नौज में 7, संत कबीर नगर में 25, मैनपुरी में 7, गोंडा में 3, मऊ में 1, एटा में 11, सुल्तानपुर में 3, अलीगढ़ में 42, श्रवास्ती में 6, बहराइच में 14, बलरामपुर में 1, अयोध्या में 1, जलौन में 5, झांसी में 9, गोरखपुर में 3, कानपुर देहात में 1, सिद्धार्थ नगर में 4, देवरिया में 2 और महोबा में 2 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी तक 754 लोग स्वास्थ्य होकर घर जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि निगरानी में 2 लाख 42 हजार लोगों को रखा गया है। आइसोलेशन में 1904 और क्वारंटीन में 11,518 लोगों को रखा गया है। प्रदेश में आइसोलेशन बेडों की संख्या 37,919 और क्वारंटीन बेडों की संख्या अब 21773 हो गई है। जबकि 1200 से अधिक वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि एल-1 में 155, एल-2 में 69 और एल-3 में 19 अस्पताल हो गए हैं।

 

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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