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प्रादेशिक

अखिलेश बोले, मेक इन यूपी

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लखनऊ /सीतापुर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को सीतापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग ‘मेक इन इंडिया’ की बात कर रहे हैं, उन्हें यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि ‘मेक इन यूपी’ के बिना उनका सपना हमेशा अधूरा ही रहेगा। सीतापुर के नैमिशारण्य में आयोजित एक जनसभा में अखिलेश ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि सब कुछ भारत में बने, अगर उनकी बातों में दम है तो सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश से होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश है। उप्र में चीजें क्यों न बनें, उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें (मोदी) बहुत समर्थन दिया है, इतना समर्थन कभी नहीं मिला। अगर मेक इन इंडिया की बात है, तो मेक इन यूपी भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, “लोग यहां आएं, हम उन्हें उद्योगों के लिए जमीन और दूसरे संसाधन उपलब्ध कराएंगे। उत्तर प्रदेश नवजवानों का प्रदेश है। यहां पर चुनौतियां भी अनेक हैं। यहां के लोगों को उच्च शिक्षा और नौकरियों की जरूरत है। सरकार इस दिशा में भी तेजी से काम कर रही है। हमने मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज, पोलीटेक्निक, आईआईटी खोले।”

उन्होंने कहा, “लखनऊ के साथ ही मेरठ और गाजियाबाद में भी मेट्रो लाइन शुरू होगी। हम पुलिस की भर्ती करवा रहे हैं। समाजवादी एंबुलेंस चल रही है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। हमने मेधावी छात्र-छात्राओं को गांव-गांव लैपटॉप दिए हैं, ताकि वे देश और दुनिया से जुड़े रहे। सूचना और संचार की संभावनाओं से कोई इंकार नहीं कर सकता है, लेकिन जो लैपटॉप की बुराई कर रहे हैं, वह वाई-फाई दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, केंद्र ने उन्हें डेढ़गुना मुआवजा देने की बात कही है। “हम इन किसानों को काफी पहले से ही दोगुना मुआवजा दे रहे हैं, ऐसे में हर कोई समझ सकता है कि किसानों का असली हितैषी कौन है।”

इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नैमिशारण्य पहुंचकर पहले चुंचनगिरी मठ के मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने मठ के कार्यालय व आवासीय भवन तथा गोशाला का उद्घाटन किया। इसके बाद वह चक्रतीर्थ पहुंचकर तीर्थ पूजन और फिर मां ललिता देवी मंदिर में पूजन-अर्चना भी की।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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