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प्रादेशिक

अम्बेडकर को दबाव में दिया गया भारत रत्न : मायावती

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लखनऊ | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न तमाम गुजारिश करने के बाद दिया गया था। उन्होंने कहा कि बसपा ने इसके लिए जब काफी दबाव बनाया तब 1990 में बाबासाहेब को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। डॉ. अम्बेडकर की 124वीं जयंती पर मायावती ने राजधानी लखनऊ के डॉ. भीमराव अम्बेडकर पार्क में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबासाहेब को उनकी मौजूदगी में ही यह सम्मान मिल जाना चाहिए था।

जनसभा में मायावती ने आरोप लगाया कि केंद्र में कांग्रेस तथा भाजपा की सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को समय पर भारत रत्न न देकर दलितों तथा पिछड़ों के प्रति अपनी सोच उजाकर कर दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा ने कांशीराम को भारत रत्न दिया ही नहीं उन्होंने कहा, “हमने जब काफी दबाव बनाया तब प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने देश के संविधान निर्माता को यह सम्मान दिया। हमने कांग्रेस की तमाम सरकारों से अनुरोध करने के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी से भी डॉ. अम्बेडकर को भारत रत्न देने की मांग की थी। इन दोनों ही पार्टियों ने देश के दलितों-पिछड़ों को सिर्फ वोट बैंक माना है।” बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बाबासाहेब ने देश के संविधान का निर्माण किया था। इसके बाद भी कांग्रेस ने उनका कहीं पर भी साथ नहीं दिया। अब भारतीय जनता पार्टी दलितों का वोट पाने के लिए तमाम योजनाएं बना रही है।

मायावती ने कहा कि भाजपा भी बाबासाहेब के सम्मान का जमकर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। लखनऊ के अंबेडकर पार्क में बसपा सुप्रीमो मायावती के शक्ति प्रदर्शन के दौरान पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा तथा बृजेश पाठक भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2017 में जीत दर्ज करने की तैयारी में जुटी बहुजन समाज पार्टी इस वर्ष अंबेडकर जयंती धूमधाम से मना रही है। इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम यहां के डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, गोमतीनगर में हो रहा है। अंबेडकर की 124वीं जयंती पर राजधानी में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से बसपाई जुटे हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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