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प्रादेशिक

यूपी में जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से भी कराया जाएगा श्रमिकों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

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लखनऊ। प्रदेश सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीकरण राज्य में स्थापित जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से भी कराने का निर्णय लिया है। उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की सेवाओं को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल https://edistrict.up.gov.in के माध्यम से समस्त जन सेवा केन्द्रों द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने इस संबंध में सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि श्रमिक पंजीकरण संबंधी दिशा निर्देशों को शीर्ष प्राथमिकता पर लागू करें। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के कामगारों के ऑनलाइन पंजीकरण हेतु पोर्टल (ूूूण्नचेेइण्पद) का विकास किया गया है, जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी द्वारा 09 जून, 2021 को किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रेदश में स्थापित सभी जन सेवा केन्द्रों द्वारा इलेक्ट्रानिक डिलीवरी के माध्यम से सेवाओं को प्रदान किये जाने हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाहियॉ जिसमें इन्टीग्रेशन, प्रशिक्षण सम्बन्धी सामग्री आदि को पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाना है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की चयनित सेवाओं को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इन्टीग्रेट करने के लिए एन0आई0सी0/एस0ई0एस0टी0 की तकनीकी टीम से समन्वय स्थापित करने के लिए उप श्रमायुक्त श्री शमीम अख्तर को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इन्टीग्रेशन के पश्चात सभी सम्बन्धित स्टेक होल्डर्स द्वारा पायलेट आधार पर टेस्ट रन की कार्यवाही की जायेगी, जिससे कि गो-लाईव के उपरान्त सेवाओं को प्रदान करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पडे़।
उन्होंने बताया कि उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्ष बोर्ड में ऑनलाइन पंजीकरण कराने हेतु जन सेवा केन्द्रों पर आवेदक से शासन के नियमानुसार पंजीकरण, अंशदान एवं योजनाओं हेतु आवेदन के लिए 30 रूपये यूजर चार्ज लिया जायेगा। जन सेवा केन्द्र संचालक ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर लॉगिन करेगा तथा विभागीय पोर्टल पर सम्बन्धित ई-फार्म एवं आवश्यक संलग्नकों को अपलोड करेगा। आवेदन भरने के पश्चात आवेदक 60 रूपये का भुगतान ऑनलाइन या ऑफलाइन चालान के माध्यम से किया जायेगा। ऑनलाइन पंजीकरण पूर्ण होने के पश्चात जन सेवा केन्द्र संचालक द्वारा पावती रसीद भी आवेदक को उपलब्ध कराई जायेगी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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