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प्रादेशिक

प्रदेश सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीतिः सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज डॉ0 भीमराव आम्बेडकर उ0प्र0 पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में पुलिस उपाधीक्षक पद के 86वें आधारभूत कोर्स के दीक्षान्त परेड समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक पद के 72 पुलिस अधिकारियों को सफल प्रशिक्षण पूर्ण करने की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने प्रशिक्षुओं का आह्वान किया कि प्रदेश में दक्ष व्यावसायिक, संवेदनशील तथा उत्तरदायी मित्र पुलिसिंग व्यवस्था सुनिश्चित कर दोषी व्यक्तियों को दण्ड दिलाना एवं पीड़ित व्यक्तियों को न्याय दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को कुशलतापूर्वक निभाएं। उन्होंने प्रशिक्षुगणों से कहा कि आज आप देश के सबसे बडे़ पुलिस फोर्स में सम्मिलित होकर एक जिम्मेदार पद पर नियुक्त हो रहे हैं तथा ऐसे में जहां एक ओर आपकी यू0पी0 पुलिस बल में एक महत्वपूर्ण भूमिका है, वहीं आपके कार्य के साथ जबावदेही तथा कार्य में पारदर्शिता, जनसेवा के प्रति संवेदनशीलता, सत्यनिष्ठा एवं कठोर परिश्रम भी अपेक्षित है।

मुख्यमंत्री जी ने दीक्षान्त परेड समारोह मंे पास आउट करने वाले पुलिस उपाधीक्षकों का यह भी आह्वान किया कि अपराध नियंत्रण के साथ-साथ उनका दायित्व अपराधों का त्वरित अनावरण करके दोषी व्यक्ति को दण्ड दिलाना एवं पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाना होना चाहिए। उन्होंने पास आउट उपाधीक्षकों से अपेक्षा की कि कानून व्यवस्था का अनुरक्षण भी इन अधिकारियों का एक महत्वपूर्ण दायित्व है। मुख्यमंत्री जी ने पास आउट पुलिस उपाधीक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था और विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी आपको विशेष रुप से सक्रिय भूमिका निभानी होगी। आज से आप सक्रिय पुलिस सेवा में योगदान करने जा रहे हैं। अतः आपको यह संकल्प करना होगा कि आज आप जो भी शपथ लेंगे, उसका आगामी जीवन में पूर्ण पालन करते हुए सभी अर्थों में इसे चरितार्थ करेंगे। आपसे यह भी अपेक्षा करता हूं कि जनमानस की सुरक्षा समाज में अमन-चैन कायम करते हुए मित्र पुलिस की छवि को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगे। पीड़ित के प्रति न्याय और दोषियों को दण्डित कराकर अपराधमुक्त प्रदेश बनाना तथा सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करना तभी सम्भव है, जब कि दक्ष, संवेदनशील, व्यावसायिक व जबावदेह पुलिस का ढांचा प्रदेश में स्थापित हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जिसमें कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। प्रदेश सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति है। पुलिस जन ने अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी रात-दिन अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मानकर अपराधों को नियंत्रण करने, कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, सामाजिक सौहार्द स्थापित करने में सराहनीय भूमिका निभायी। प्रदेश में सुदृढ़ एवं त्रुटिरहित सुरक्षा प्रबन्ध के फलस्वरूप समस्त महत्वपूर्ण त्योहार, मेले, जुलूस, अतिविशिष्ट महानुभावों की यात्राएं आदि शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुईं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2019 तथा त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में प्रदेश पुलिस का उल्लेखनीय योगदान है।

पुलिस कर्मियों द्वारा कोराना वॉरियर्स के रुप में अभूतपूर्व परिश्रम कर, जहां एक ओर नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराया गया है, वहीं उनके द्वारा मानवता की सेवा की नई मिसाल पेश की गयी। यह दक्ष, उत्कृष्ट तथा संवेदनशील पुलिस व्यवस्था के बल पर ही सम्भव हो पाया है। इसके लिए प्रदेश पुलिस को विशेष रूप से बधाई। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब उन्होंने वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार का कार्यभार ग्रहण किया था, तो कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यन्त चुनौतीपूर्ण थी। ऐसी चुनौती पूर्ण स्थिति में पुलिस के लगभग डेढ़ लाख पद खाली थे, जिसका प्रतिकूल प्रभाव कानून व्यवस्था पर पड़ रहा था। इसलिए प्रदेश सरकार ने प्राथमिकता पर रिक्त पदों पर अत्यन्त पारदर्शी तरीके से भर्ती कराए जाने का निर्णय लेते हुए इस कार्य को आगे बढ़ाया। इन पदों के भरने मंे सबसे महत्वपूर्ण बाधा यह थी कि हमारे प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण की कम क्षमता को कैसे दूर किया जाए, हमारे 09 प्रशिक्षण संस्थानों तथा अन्य जिला स्तर पर आर0टी0सी0 को मिलाकर 16,150 प्रशिक्षुओं की क्षमता थी। इस कारण से बहुत ज्यादा संख्या में भर्ती किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा था, जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा 09 प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता दोगुनी किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

वर्तमान आवश्यकताओं और पुलिस प्रशिक्षुओं की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019 में जनपद सुल्तानपुर तथा जनपद जालौन में 02 नए प्रशिक्षण संस्थानों का संचालन प्रारम्भ किया गया। प्रत्येक संस्थान की क्षमता 800 प्रशिक्षुओं की है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वर्ष 2018 में प्रथम बार उत्तर प्रदेश में डिजिटल प्रशिक्षण हेतु 31 केन्द्रों पर वर्चुअल क्लास रूम स्थापित किए गए, जो कि उत्तर प्रदेश शासन की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
वर्ष 2018 में प्रदेश में पहली बार एक साथ लगभग 30,000 रिक्रूट आरक्षियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सम्पादित कराया गया। इस प्रशिक्षण में प्रदेश की प्रशिक्षण क्षमता मात्र 16,150 होने के कारण पहली बार केन्द्रीय पुलिस संगठनों-सी0आई0एस0एफ0, सी0आर0पी0एफ0 तथा देहरादून, रुद्रपुर तथा हरिद्वार स्थित उत्तराखण्ड के प्रशिक्षण संस्थानों में कुल 8,142 रिक्रूट आरक्षियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

वर्ष 2020 तथा वर्तमान वर्ष 2021 में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के विभिन्न आधारभूत प्रशिक्षण पदोन्नति प्रशिक्षण एवं विशेष प्रशिक्षण कोर्स आयोजित कराए गए। साइबर अपराध की रोकथाम हेतु प्रदेश के पांच प्रशिक्षण संस्थानों में प्रथम बार साइबर क्राइम प्रशिक्षण लैब की स्थापना की गयी। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद की मदद से पहली बार 54 प्रतिभागियों का साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण कराया गया, ताकि आगे वे प्रशिक्षक के रुप में प्रशिक्षण प्रदान कर सके।

मुख्यमंत्री जी ने बताया कि नई प्रशिक्षण व्यवस्था के अर्न्तगत सभी पुलिस प्रशिक्षुआंे को कानून तथा शान्ति व्यवस्था से जुड़ी आधुनिक एवं अन्य चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक को बढ़ावा देकर ही अपराधों को रोका जा सकता है। इसके दृष्टिगत लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान के स्थापित हो जाने के पश्चात प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस प्रशिक्षण की गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री जी ने आधारभूत प्रशिक्षण कोर्स में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया। इनमें वाह्य विषयोें में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले श्री विवेक जावला, अन्तःकक्षीय विषयों मेें सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली डॉ0 सुकन्या शर्मा शामिल हैं। डॉ0 सुकन्या शर्मा को 86वें बैच की सर्वश्रेष्ठ कैडेट के तौर पर भी सम्मानित किया गया। आई0आई0टी0 कानपुर के एम0टेक उपाधि धारक गोरखपुर निवासी डॉ0 हर्ष पाण्डेय तथा पूर्व न्यायिक मजिस्ट्रेट जनपद मेरठ निवासी डॉ0 रवि खोखर को भी सम्मानित किया गया।

समारोह में जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अशोक कटारिया, जलशक्ति राज्यमंत्री श्री बलदेव ओलख, राज्यसभा सांसद श्री सैय्यद ज़फर इस्लाम सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री आर0पी0 सिंह, पुलिस अकादमी के निदेशक श्री जय नारायण सिंह, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण, समाजसेवी, प्रशिक्षुगण एवं उनके परिवारीजन उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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