प्रादेशिक
पिछली सरकारों ने प्रदेश को बिना रीढ़ की हड्डी वाला बना दिया था: सीएम योगी
लखनऊ। पिछले पांच वर्ष के दौरान हमारी सरकार ने अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से बहुत कुछ बदला है। क्योंकि सरकार बदलने से ही कुछ नहीं होने वाला है इसके लिए अधिकारियों को सकारात्मक और अच्छे वातावरण में काम करने का मौका भी मिलना चाहिए। हमारी सरकार ने सभी चयन करने वाली संस्थाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। इसके साथ चयनित अभ्यर्थियों को बिना भय और राजनीतिक दबाव के प्रदेश की जनता के लिए काम कर सके इसका वातावरण तैयार किया गया। पिछली सरकारों ने इस प्रदेश को बिना रीढ़ की हड्डी बना दिया था। हम आप जैसे चयनित लोगों के साथ देश में प्रदेश को नम्बर एक पर लाने की मंशा रखता हूं। हमारी सरकार ने केन्द्र की 50 योजनाओं को लागू करके देश का नम्बर वन की जगह पर खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उ.प्र. सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2020 के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देते हुए कही। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 34 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, 173 समीक्षा अधिकारी, सिंचाई विभाग के 208 सहायक अभियंता और 236 आशुलिपिक, 58 उपजिलाधिकारी, 43 वरिष्ठ प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और गन्ना विभाग के 398 गन्ना पर्यवेक्षक 10 ज्येष्ठ गन्ना पर्यवेक्षक को नियुक्ति पत्र दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकार में ऐसी कोई चयन संस्था नहीं थी जो नियुक्ति के नाम पर पैसा न वसूलती हो। पहले 42 से 65 लाख रुपये लेकर एसडीएम की नियुक्ति का काम किया जा रहा था। इसकी सीबीआई जांच अभी चल रही है। पहले जो योग्य थे उनसे भी पैसा लिया जाता था। यह पुलिस, प्रशासनिक सभी नियुक्तियों में पैसा लिया जा रहा है। केवल नियुक्ति ही नहीं पोस्टिंग पर भी खूब धांधली होती थी। हमारी सरकार में पूरी ईमानदार और प्रतिबंधता के साथ नियुक्तियां की जा रही हैं। हमें जैसे लगा कि कोई चयनित संस्था गड़बड़ कर रही है तो जेल भेजने का काम भी हमने किया। अगर परीक्षा में कुछ गड़बड़ हुआ तो उस परीक्षा को रद्द करके फिर से उसे आयोजित करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना महामारी की वजह से दो वर्ष काम करने का मौका ही नहीं मिला। लेकिन तीन वर्ष के कार्यकाल में यह प्रदेश देश की दो नम्बर की अर्थव्यवस्था बन चुका है। आज हमारी कानून व्यवस्था देश के लिए एक नजीर बना हुआ है। सभी माफिया जो सत्ता का संचालन करते थे या जेल में हैं या मारे-मारे घूम रहे हैं। आज की स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि कोई भी निवेश करने वाला वहीं जाता है जहां अच्छी कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश होता है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय दो गुनी हुई है। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। चाहे वह स्टार्टअप, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना, उज्ज़वला योजना, में 15 स्थान के मुकाबले एक नम्बर पर है। आज धारणा बदली है प्रदेश के नाम आते ही कानून व्यवस्था, उन्नति विकास के नाम पर सराहना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में हम सपा सरकार की तरह काम करते तो ज्यादातर स्कूलों में ताले लटकते मिलते। हमनें एक लाख 30 हजार विद्यालयों की कायाकल्प बदलने का काम किया है। आज विद्यालय हैं जहां स्मार्ट क्लास हैं, शौचालय हैं, लाइब्रेरी है, साफ सफाई है। बच्चों को यूनिफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर,बुक् दिए। हमने सभी बालिकाओं को जूते-मोजे समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई। आज यह बच्चे भी अच्छा स्वेटर जूते मोजे पहन सकते हैं, अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में महाराष्ट् में आधी चीनी मिलें बंद हो गई, ब्राजील में सभी चीनी मिलें बंद हो गई। हमारी सरकार ने प्रदेश में कोरोना काल के समय सभी 121 चीनी मिलों का संचालन किया। सुरक्षा के लिए हेल्प डेस्क बनाया, कोरोना जांच कराई सभी सावधानियां बरती गईं।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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