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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी: अदालत ने आज सुनी मुस्लिम पक्ष की दलील, अगली तारीख 30 मई

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी के नियमित पूजा-अर्चना और अन्य विग्रहों को संरक्षित करने के लिए दायर वाद सुनने योग्य है या नहीं, इस पर आज जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई।

दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 30 मई घोषित कर दी। न्यायालय में सबसे पहले मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की।

संभव है इस मामले को लेकर सोमवार को अदालत किसी निर्णय पर पहुंच जाए। इस लिहाज से अब सभी की निगाहें जिला जज की अदालत पर टिकी हुई हैं। इसके साथ ही कमीशन की रिपोर्ट पर भी अदालत में आपत्ति आ सकती है।

वादी-प्रतिवादी पक्ष में तीखी बहस

अदालत में वादिनी पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन समेत लगभग 30 लोग मौजूद रहे। कोर्ट में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से अभयनाथ यादव ने पक्ष रखा। वो इस बात पर बल दे रहे थे कि ये वाद पोषणीय नहीं है।

सूत्रों की माने तो सबसे पहले वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अपनी दलीलें रखीं। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे पर दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा।

शिवलिंग के साथ की गई छेड़छाड़

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी सर्वे के मुकदमे की सुनवाई से पहले न्यायालय पहुंचे वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शिवलिंग मुस्लिम पक्ष के कब्जे में था। उन्होंने उसके साथ छेड़छाड़ की है। इस बाबत उन्होंने जिला न्यायाधीश की कोर्ट को सूचित किया।

मुस्लिम पक्ष ने दिया है वाद खारिज करने का आवेदन

आज मुस्लिम पक्ष के रूल 7 आर्डर 11 के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई में न्यायालय को यह आदेश देना था कि श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी का मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं। इसमें मुस्लिम पक्ष की ओर से कई महीने पहले ही इस वाद को खारिज करने का आवेदन दिया गया था।

इसमें दी प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने रूल 7 आर्डर 11 के तहत आवेदन दिया था। इस आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई नहीं हो पाई थी।

तीन अन्य आवेदनों पर भी होना है निर्णय

जिला जज की अदालत में तीन और आवेदनों पर भी निर्णय किया जाना है। इसमें वादी पक्ष की ओर से वजूखाने में मिले शिवलिंग के नीचे की जगह को तोड़कर कमीशन की कार्यवाही, जिला शासकीय अधिवक्ता के वजूखाने के तालाब में मछलियों को संरक्षित किए जाने की मांग और काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के भोग, राग, शृंगार और पूजा पाठ के अधिकार के लिए पक्षकार बनने के आवेदन पर निर्णय होगा।

IANS News

समाजवादी पार्टी नैतिक रूप से जीत चुकी है, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी – अखिलेश यादव

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग संपन्न हो चुकी है। शनिवार 23 नवंबर 2024 को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। चुनाव परिणाम से पहले ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया है। अखिलेश ने कहा है कि समाजवादी पार्टी नैतिक रूप से जीत चुकी है, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी है। अखिलेश ने इसके साथ भाजपा पर निशाना साधते हुए अपने कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ भी की है। आइए जानते हैं अखिलेश ने और क्या कुछ कहा है।

भाजपा किसी की सगी नहीं- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा- “धीरे-धीरे सबको ये समझ आ जाएगा कि चाहे नेता हों या अधिकारी, भाजपा सबको पहले लालच या अन्य किसी दबाव या भावनात्मक रूप से झाँसा देकर गलत काम करवाती है फिर जब वो पकड़े जाते हैं, उनका निलंबन होता है, उनपर मुक़दमा होता है, उनकी नौकरी जाती है या उनको जेल होती है या फिर समाज-परिवार अथवा विभाग में बदनामी होती है तो भाजपा उनसे पल्ला झाड़ लेती है। भाजपाई फँसानेवाले लोग हैं, बचानेवाले नहीं। भाजपा किसी की सगी नहीं है।

प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाणपत्र मिलना बाक़ी है। अखिलेश ने इंडिया गठबंधन-सपा के सभी जागरूक उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, समर्थकों व समझदार आम जनता से अपील की है कि वे डटे रहें, अपने वोट की दिन-रात रक्षा करें व कल मतगणना के लिए पूरी तरह सावधान रहें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें।

 

 

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