Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

भारतीय स्टेट बैंक वित्तीय समावेशन के लिए बचनबद्ध

Published

on

वाशिंगटन,विश्व-बैंक-समूह,भारतीय-स्टेट-बैंक,मुख्यालय,इलेक्ट्रॉनिक,स्वास्थ्य,अध्यक्ष-अरुंधति-भट्टाचार्य,बीमा

Loading

वाशिंगटन | विश्व बैंक समूह और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित साझेदारों के एक व्यापक गठबंधन ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और 2020 तक सार्वभौमिक वित्तीय पहुंच हासिल करने में मदद के लिए बचनबद्धता दोहराई है। विश्व बैंक मुख्यालय में शुक्रवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में नीतियों और नियामक ढाचों के जरिए सार्वभौमिक वित्तीय पहुंच बढ़ाने हेतु निजी क्षेत्र के निवेश और नए उत्पादों को प्रेरित करना चर्चा का मुख्य केंद्र रहा। इस कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के दिग्गजों, सरकारी नियामकों और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून भी शामिल हुए।

2020 का लक्ष्य हासिल करने हेतु खातों में लेनदेन या धनराशि जमा करने, भेजने या प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए दुनियाभर के वयस्कों का आह्वान किया गया, ताकि प्रत्येक व्यक्ति के वित्तीय जीवन को प्रबंधित किया जा सके। व्यापक वित्तीय समावेशन की दिशा में लेनदेन के लिए खाता पहला कदम है, जिससे गरीब परिवारों को गरीबी से निकलने और पानी, बिजली, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य देखरेख जैसी जरूरी सामाजिक सेवाओं तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। छोटे और मझोले उद्यमों के लिए वित्त तक पहुंच से उन्हें जोखिम कम करने और अपने कारोबार का विकास-विस्तार करने में मदद मिल सकती है। विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम के मुताबिक, “2011 से 2014 के बीच 70 करोड़ से अधिक लोगों ने वित्तीय सुलभता हासिल की है, जिससे पता चलता है कि 2020 तक सार्वभौमिक वित्तीय सुलभता हासिल करने का हमारा उद्देश्य प्राप्त करने योग्य है।”

इस आयोजन में शामिल पैनल सदस्य एसबीआई की अध्यक्ष अरुं धति भट्टाचार्य ने कहा, “एसबीआई ने अपनी स्थापना से ही देश में वित्तीय समावेश के एजेंडे का विस्तार करने में अहम भूमिका निभाई है।” उन्होंने कहा, “अपने वित्तीय समावेशन योजना (2010-13) के शुरुआती तीन सालों के दौरान एसबीआई ने 20,531 गांवों में 2.02 करोड़ नए खाते खोले। दूसरे वित्तीय समावेशन योजना (2013-16) के तहत हमने 85,130 गांवों तक पहुंच बनाई और 7.0 करोड़ खाते खोले।” भट्टाचार्य ने कहा, “हम अपने 7.0 करोड़ ग्राहकों में व्यापक अवसर देखते हैं। इन सभी ग्राहकों को पेंशन और बीमा उत्पाद बेचे जा सकते हैं।”

सार्वभौमिक वित्तीय सुलभता की दिशा में विश्व बैंक समूह के प्रयासों के साथ मास्टरकार्ड की प्रतिबद्धता की घोषणा करते हुए मास्टरकार्ड के भारतीय अमेरिकी सीईओ और अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा, “हमारा लक्ष्य 50 करोड़ लोगों तक पहुंच बनाना है, जिसे मौजूदा समय में वित्तीय सुलभता की मुख्यधारा से बाहर माना जा रहा है।”

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending