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उत्तर प्रदेश

एसडीपीआइ नेता मो. अहमद बेग गिरफ्तार, विद्रोह फैलाने की रच रहा था साजिश

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ की मदेयगंज पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने शुक्रवार तड़के खदरा इलाके में मक्कागंज मस्जिद के पीछे छापेमारी कर एसडीपीआइ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) के नेता मो. अहमद बेग को धर दबोचा। अहमद अपने नुमाइंदों और पार्टी के लोगों के जरिए देश में विद्रोह फैलाने की साजिश रच रहा था। उसके पास से लैपटाप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स में तमाम तरह के राष्ट्र विरोधी दस्तावेज मिले हैं।

अहमद बेग वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में कैरसगंज विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था। एक पत्नी को तलाक दे चुका है। दूसरी पत्नी के साथ रह रहा है। अहमद बेग हिंसक और अपराधिक गतिविधियों में शामिल था। एसटीएफ और मदेयगंज पुलिस ने खदरा के मक्कागंज से सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया (एसडीपीआई) के नेता मो. अहमद बेग को गिरफ्तार कर लिया।

आरोप है कि अहमद अपने साथियों और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ देश में विद्रोह फैलाने की साजिश रच रहा था। उसके लैपटॉप, मोबाइल, डायरी, किताबों और कम्प्यूटर में राष्ट्र विरोधी दस्तावेज मिले हैं। इनके बारे में और जानकारी जुटायी जा रही है। अहमद बेग पहले पीएफआई के सदस्य के अलावा आल इंडिया उलमा काउंसिल का अध्यक्ष भी रहा चुका है।

एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक सब इंस्पेक्टर की ओर से अहमद बेग के खिलाफ राष्ट्रद्रोह समेत कई धाराओं में एफआईआर मदेयगंज थाने में दर्ज करायी गई है। यहां अहमद बेग कई सालों से किराये पर रह रहा था। वह मूल रूप से श्रावस्ती के बसनपुर, हरवंशपुर का रहने वाला है। उसके पिता सलीम बेग आते-जाते रहते हैं।

लड़ चुका है विधानसभा चुनाव

अहमद ने इसी साल कैसरगंज विधानसभा सीट पर चुनाव भी लड़ा था। उसके साथ युवाओं की लम्बी टोली भी थी। हालांकि मतदान में उसे मामूली वोट ही मिले थे। अहमद ने लखनऊ विवि से बीए किया था। मास्टर डिग्री उसने अरबी में ली है। उसने नदवा से आलीम और फाजिल की पढ़ाई की है।

ओमान में चलाता था कट्टरता की कक्षायें

एसटीएफ का कहना है कि मो. अहमद कई तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल रहता था। उसने एनआरसी-सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी खूब बवाल कराया था। इसके साथ ही वह लव जिहाद, अपने धर्म के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और मनी लांड्रिंग के साथ ही कई प्रतिबन्धित संगठनों से भी जुड़ा रहता था। इसके अलावा वह ओमान में अक्सर कट्टरता की कक्षा चलाता था।

साथ ही राजस्थान, मप्र, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल और केरल समेत कई प्रदेशों में भी तकरीर करने जाता था। एसटीएफ के अफसरों का कहना है कि अहमद बेग वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये भी कट्टरता की कक्षायें चलाता था। वह दूसरे धर्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी करता था।

सीएए विरोध पर गया था जेल 

एसीपी ने बताया कि अहमद पीएफआई से जुड़ा रहा था। सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान उसका नाम आया था और बाद में उसे इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था। जमानत मिलने के बाद वह भूमिगत हो गया था। इसके कुछ समय बाद ही वह एसडीपीआई से जुड़ गया था। एसीपी आईपी सिंह ने बताया कि अहमद बेग को मक्कागंज से गिरफ्तार किया गया है। वह मस्जिद के पीछे रहता था।

छह अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में

विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा की कोर्ट ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए पीएफआई और एसडीपीआई के तीन सदस्यों को न्यायिक हिरासत में छह अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया गया। एसटीएफ ने शुक्रवार को पीएफआई के पूर्व सदस्य मो. अहमद बेग, बाराबंकी से गिरफ़्तार मोहम्मद नदीम अंसारी व कमरुद्दीन उर्फ बबलू को कोर्ट में पेश किया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि पीएफआई तथा कुछ अन्य संगठनों द्वारा देश विरोधी गतिविधियां संचालित कर भारत को खंडितकर 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश की जा रही है।

राज्य में जगह-जगह विध्वंसक कार्रवाई की योजना के तहत समुदाय विशेष के बीच साहित्य बांटा जा रहा है। एसटीएफ के इंस्पेक्टर शिवनेत्र सिंह ने बाराबंकी के कुर्सी थाने और इन्स्पेक्टर हेमंत भूषण ने लखनऊ के मदेयगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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