प्रादेशिक
फर्टिलिटी सेंटर ने नि:संतानों में जगाई आस
नई दिल्ली| आईवीएफ एवं इनफर्टिलिटी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर जाना माना नाम है डॉ. काबेरी बनर्जी। उन्होंने दिल्ली शहर में हॉलिस्टिक इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट सेंटर की शुरुआत कर नि:संतान दंपतियों में उम्मीद जगाई है। यह सुपर स्पेशयलिटी सेंटर (एडवांस फर्टिलिटी एंड गाइनिकोलॉजी सेंटर) में बांझपन के उपचार, बच्चा जनने के लिए सर्जरी और एडवांस्ड लैप्रोस्केपिक लेजर सर्जरी की विश्वस्तरीय सुविधा उचित लागत में मिलेगी।
एक सर्वेक्षण के मुताबिक, करीब ढाई करोड़ लोग जो व्यक्तिगत रूप से संतान का अभिभावक बनना चाहते हैं, इनमें से 1.3 करोड़ से 1.9 करोड़ जोड़े मां-बाप बनने की स्थिति में नहीं होते। इसके साथ ही ऐसे मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह आजकल की जीवनशैली है। काम करने के अनियमित घंटे, निश्क्रिय जीवन शैली को अपनाना, सही खाना न लेना, जोड़ों के माता-पिता ना बनने की वजह बनते हैं।
डॉ. काबेरी बनर्जी ने बताया कि फर्टिलिटी क्लीनिक का मकसद है कि जो जोड़े मां-बाप बनने में असफल रहते हैं, उन्हें प्राकृतिक तरीके से इस पर सफल बनाया जाए। सेंटर में इनफर्टिलिटी डायग्नासिस के लिए जरूरी स्टेट-ऑफ-द-आर्ट मशीनें और उपकरण की सवोत्तम व्यवस्था है और उपचार के लिए शुक्राणु या ब्लड केमिस्ट्री के विश्लेषण से लेकर सर्जरी करने तक की सुविधा है।
सेंटर की क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. काबेरी ने कहा, “हमारे साथ प्रशिक्षित व अनुभवी फर्टिलिटी डॉक्टर जुड़े हैं और हमें उम्मीद है कि यहां पर आने वाली महिलाएं प्रजनन और प्रजनन के बाद के सभी चरणों में विशेशज्ञों की सुविधाएं हासिल करेंगी। हम चाहते हैं कि हर एकजोड़े को विशेश व्यवस्था मिले जैसा कि वह चाह रहा हो।”
उन्होंने कहा, “हमारे सेंटर में एक मरीज-एक टीम की थ्योरी का सख्ती से पालन किया जाएगा, वही टीम अंडा जमा करेगी जो उसका विश्लेषण और फोलिकिल मॉनीटरिंग करेगी। इससे निरंतरता की सुनिश्चितता की जाएगी जो कि आईवीएफ की सफलता में बहुत महत्वपूर्ण होता है।”
उन्होंने कहा, “हमारा हमेशा प्रयास रहेगा कि हम ऐसे जोड़ों की जिंदगी में खुशी लाएं जो अभिभावक बनने के लिए संघर्ष कर रहे हों। आईवीएफ को चुनने वाली महिलाओं की संख्या हर साल दोगुनी हो रही है। हम खुश हैं कि युगल आगे बढ़कर आ रहे और बच्चा पाने के लिए नई तकनीक के प्रयोग करने को राजी हैं।”
एडवांस फर्टिलिटी एंड गाइनकोलॉजी सेंटर में विशेषज्ञों के साथ उपकरण व ऐसी एडवांस्ड सुविधाओं की व्यवस्था है, जो पूरे भारत में बेहद कम आईवीएफ सेंटर में है। सेंटर की प्रयोगशाला उत्तर भारत में इकलौती प्रयोगशाला है जहां पर हर सुविधा से सुसज्जित उत्तम आईवीएफ लैब है।
आईवीएफ लैब को स्थापित करने में अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है और सेंटर में कटिंग एज के साथ स्पमेर्टोरियम एंड्रोलॉजी एंड कल्चर रूम की सुविधाओं के साथ अलग से मौजूद है। बांझपन उपचार सेवाओं के लिए तमाम पेशकश की गई हैं। नए शुरू किए गए सेंटर में सेवाओं के जरिए हजारों ऐसे जोड़ों के लिए नई उम्मीद की किरण जगी है जो समस्या के चलते अभी तक माता-पिता नहीं बन सके हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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