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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस-यूक्रेन युद्ध: पुतिन की प्राइवेट आर्मी में भर्ती किया जा रहे मरीज रूसी कैदी

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Putin Wegner Group

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मास्को/कीव। रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस को जिस तरह के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ऐसी उम्मीद नहीं रही होगी। ऐसा माना जा रहा था रूस कुछ ही दिनों में यूक्रेन को अपने कब्जे में ले लेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस लड़ाई में आए दिन नए मोड़ आ रहे हैं।

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खबर है कि पुतिन की प्राइवेट आर्मी (Wegner Group) में HIV और हेपेटाइटिस C के मरीजों की भर्ती की जा रही है, जिन्हें यूक्रेन युद्ध में भेजने की तैयारी है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय से खबर है कि प्राइवेट आर्मी में भर्ती होने वाले ये रूसी कैदी मरीज हैं।

यूके की डिफेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इससे पहले की लड़ाइयों में Wegner Group में भर्ती के मानक काफी उच्च थे। इसके कई ऑपरेटर्स प्रोफेशनल सोल्जर के तौर पर काम कर चुके हैं। अब तो बीमार कैदियों की भर्ती की जा रही है। इससे साफ होता है कि एक्सपीरियंस और क्वालिटी की जगह आज किस चीज को प्राथमिकता दी जा रही है।

प्राइवेट आर्मी में 100 से अधिक कैदियों की हुई भर्ती

व्लादिमीर पुतिन की प्राइवेट आर्मी में 100 से अधिक कैदियों की भर्ती हो चुकी है। इनकी पहचान के लिए उन्हें रंगीन ब्रेसलेट पहनाया जा रहा है। यूक्रेन के सैन्य खुफिया विभाग का कहना है कि इससे रूस के दूसरे सैनिकों में भी डर फैल गया है। मीडिया रिपोर्ट में ऐसे सैनिकों को दूसरे सोल्जर्स से अलग रखा जा रहा है। ‘सामान्य सैनिकों’ से इन्हें मिलने-जुलने से रोका जा रहा है।

रूस ने यूक्रेन से अनाज समझौता किया निलंबित

वहीं, रूस ने संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हुए अनाज निर्यात समझौते को निलंबित कर दिया है। इस समझौते की वजह से यूक्रेन से 9 करोड़ टन से अधिक अनाज का निर्यात हुआ था और वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतों में कमी आई थी।

मॉस्को ने इस कदम के लिए क्रीमिया प्रायद्वीप में रूस के काला सागर बेड़े के जहाजों पर यूक्रेन की ओर से किए गए ड्रोन हमले को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, यूक्रेन ने हमले से इनकार किया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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