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मनोरंजन

विश्व सिनेमा जैसा थ्रिलर देखना है तो जरूर देखें Drishyam 2

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drishyam 2

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मुंबई। हिट फिल्म ‘दृश्यम’ की सीक्वल ‘Drishyam 2’ सिनेमाघरों में उतर चुकी है। फिल्म की शूटिंग इसी साल फरवरी में शुरू हुई थी। यह फिल्म मूल रूप से मलयालम में बनी थी। हिंदी में भी ‘दृश्यम’ हिट रही और अब ‘दृश्यम 2’ भी उसी राह पर है।

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फिल्म ‘दृश्यम 2’ का असली सितारा इसकी कसी हुई कहानी है। रीमेक में निर्देशक अभिषेक पाठक ने फिल्म को थोड़ा कस दिया है। क्लाइमेक्स ही फिल्म की असल जान है।

कहां दबी है लाश?

फिल्म ‘दृश्यम 2’ की कहानी वहां से शुरू होती है जहां एक पुलिस अधिकारी की बेटे की हत्या हो जाने का तो खुलासा हो चुका है लेकिन उसकी लाश नहीं मिलती है। पिता अपने बेटे की आत्मा की मुक्ति के लिए उसके शव का अंतिम संस्कार करना चाहता है। मां भी लौट आई है।

मां को चौथी क्लास तक पढ़े विजय से ही नहीं पूरे परिवार से बदला लेना है। उसके साथ पढ़ा दूसरा आईपीएस अफसर उसकी कुर्सी पर है। ये अफसर मीरा से भी ज्यादा तेज दिमाग दिखता है। लेकिन, विजय सालगांवकर का हर पैंतरा किसी न किसी फिल्म की कहानी से निकलता है और इस बार फिल्मी पुलिस पर फिल्मी पैंतरा भारी पड़ता है।

क्यों देखें

हिंसा और रोमांस पर बनी अधपकी कहानियों से बोर हो चुके हिंदी सिनेमा के दर्शक भी विश्व सिनेमा के दूसरे दर्शकों की तरह अपनी रगों में खून की रफ्तार तेज कर देने वाली फिल्में देखना चाहते हैं। दर्शकों की इस पसंद पर फिल्म ‘दृश्यम 2’ खरी उतरती है।

फिल्म की आत्मा इसकी कहानी में बसती है। फिल्म के किरदार अपने रंग बदलते रहते हैं और इन बदलते रंगों से ही फिल्म ‘दृश्यम 2’ का इंद्रधनुष बनता है।

अजय देवगन ही अव्वल नंबर

कलाकारों में ये फिल्म पूरी की पूरी अजय देवगन की है। सिर्फ आंखों से अभिनय करना है तो फिलहाल अजय देवगन के मुकाबले का दूसरा किरदार हिंदी सिनेमा में तो दूर दूर तक नहीं दिखता और फिल्म ‘दृश्यम 2’ के इस किरदार को निभाने की असल जरूरत भी यही थी।

श्रिया सरन सामान्य दृश्यों में भी अपने कंठ स्वर का पूरा इस्तेमाल क्यों नहीं करतीं, वही जानें। हां, दो बच्चों की चुस्त तंदुरुस्त मां के किरदार के लिए वह बिल्कुल फिट हैं। इशिता दत्ता और मृणाल जाधव दोनों अब काफी बड़ी हो चुकी हैं। फिर भी सीक्वल की कहानी के हिसाब से दोनों अपनी अपनी जगह फिट हैं।

अक्षय खन्ना ने दिया मजबूत सहारा

फिल्म ‘दृश्यम 2’ में इस बार अजय देवगन के सामने उतरे हैं अक्षय खन्ना। अभिषेक पाठक ने अक्षय खन्ना को इस किरदार के लिए लेकर बिल्कुल सही फैसला भी किया है। अक्षय ने अपने चेहरे के भावों के जरिये इस किरदार को जिया भी बहुत बढ़िया है।

सौरभ शुक्ला फिल्म में पटकथा लेखक बने हैं और अपने किरदार के जरिये फिल्म मे जरूरी रोमांच बनाने में अच्छी मदद करते हैं। तारीफ के लायक काम नेहा जोशी ने भी किया है। फिल्म ऐसी है जिसका असली आनंद परिवार के साथ भी लिया जा सकता है।

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उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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