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बीजेपी का दावा- ‘सुप्रिया सुले CM, आदित्य ठाकरे डिप्टी’ के फार्मूले के नाते हुई थी बगावत  

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Supriya Sule CM Aditya Thackeray deputy

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मुंबई। महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शिवसेना में पिछली साल हुई बगावत की असल वजह बताई है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने एक नया सियासी फॉर्मूला तैयार कर लिया था।

जिसके मुताबिक सुप्रिया सुले को साल 2024 में राज्य का मुख्यमंत्री और आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाने की बात तय की गई थी। जब यह बात शिवसैनिकों को पता चली तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया और बाद में शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत की थी। इसकी वजह से महाराष्ट्र की तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गयी थी।

इस डील के विषय में विस्तार से बात करते हुए चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार में उद्धव ठाकरे पांच साल तक मुख्यमत्री बने रहेंगे। जबकि साल 2024 के चुनाव के बाद सुप्रिया सुले मुख्यमंत्री बनेंगी और आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम बनाया जायेगा। बावनकुले के दावे पर यकीन करें तो यह भी कहा गया था कि आगामी चुनाव में शिवसेना के निर्वाचित विधायकों की संख्या भी कम होगी।

शरद पवार के टारगेट से डरे शिवसैनिक?

बावनकुले ने यह दावा भी किया है कि इस काम के लिए महाविकास अघाड़ी के संयोजक शरद पवार ने पार्टी को चुनाव में 100 विधायक चुनकर लाने का टारगेट भी दिया था। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे मंत्रालय नहीं जा रहे थे वहीं अजित पवार बतौर उपमुख़्यमंत्री मंत्रालय में काम कर रहे थे। शरद पवार के इसी टारगेट की वजह से शिवसेना विधायकों को हार का डर सताने लगा जो बाद में बगावत के रूप में बदल गया।

महाराष्ट्र की सियासत में साल 2022 जून का महीना हमेशा याद रखा जायेगा। इस महीने शिवसेना में बगावत हुई और आखिर में एकनाथ शिंदे और बीजेपी ने मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार को हटाकर शिंदे- फडणवीस सरकार का गठन किया। इस दौरान पार्टी के 40 विधायकों और 13 सांसदों ने भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया। दोनों तरफ से यह जंग चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी गई।

उद्धव ठाकरे को एक और झटका

स्थापना दिन के पहले उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है। पार्टी की विधायक मनीषा कायंदे ने एकनाथ शिंदे गुट शामिल हो गयी हैं। इस बात की भनक लगते उद्धव ठाकरे ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। वहीं संजय राउत ने कहा कि मैं पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं। मनीषा कायंदे जैसे लोग किसी कचरे के सामान हैं। जो हवा का झोंका आते ही उड़ जाते हैं।

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दिल्ली की हवा अभी भी “गंभीर श्रेणी” में, AQI 400 पार

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नई दिल्ली। देश और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति में बृहस्पतिवार को खासा सुधार रहा। कई दिनों के बाद दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से नीचे 371 दर्ज किया गया जो बेहद खराब श्रेणी में है। बिहार का हाजीपुर एकमात्र शहर रहा जहां का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में 403 दर्ज किया। इसके बाद दिल्ली का स्थान रहा। वैसे दिल्ली के 35 निगरानी केंद्रों के डाटा में से सिर्फ छह केंद्रों ने वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की जबकि 28 केंद्रों में यह बेहद खराब श्रेणी में रहा। दिल्ली के कई इलाकों में आज भी 400 से ऊपर एक्यूआई दर्ज किया गया है। सबसे ज्यादा 424 जहांगीरपुरी का है।

दिल्ली में कहां कितना है एक्यूआई

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग एक्यूआई दर्ज किया गया है। आनंद विहार में 457, अशोक विहार में 455, चांदनी चौक में 439, आरके पुरम में 421 एक्यूआई दर्ज किया गया है जो कि गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। बता दें कि 0-5- एक्यूआई को अच्छा, 51-100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101-200 एक्यूआई मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बेहद खराब और 401-500 एक्यूआई को गंभीर श्रेणी माना जाता है। इसके उपर एक्यूआई के जाने पर इसे बेहद गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है। स्मॉग के कारण दिल्ली में आने-जाने वाली ट्रेनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनसाधारण एक्सप्रेस आनंद विहार टर्मिनल से दानापुर जाने वाली ट्रेन 661 मिनट लेट हो गई। वहीं हजर निजामुद्दीन हमसफर एक्सप्रेस 110 मिनट लेट हो गई। वहीं रुनिचा एक्सप्रेस 24 मिनट देरी से चल रही है।

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