अन्तर्राष्ट्रीय
शी को उम्मीद, जापान एआईआईबी से जुड़ेगा
टोक्यो | चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उम्मीद जताई है कि जापान, चीन प्रस्तावित एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) से जुड़ेगा। एनएचके वर्ल्ड के मुताबिक, शी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हुई मुलाकात में उनसे यह उम्मीद जताई।
शी और आबे बुधवार को जकार्ता में एशिया-अफ्रीका सम्मेलन के इतर मौके पर मिले थे। कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात में आबे ने शी से कहा कि वह मानते हैं कि एशिया में असंरचना निवेश की बढ़ती मांग को देखते हुए वित्तीय प्रणाली को मजबूत किया जाना चाहिए। आबे ने कथित तौर पर एआईआईबी के प्रबंधन और अन्य मुद्दों के प्रति भी अपनी चिंता का इजहार किया। उन्होंने कहा कि वह इस दिशा में बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
सूत्रों के अनुसार, शी ने आबे से कहा कि एआईआईबी को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिला है और उन्हें उम्मीद है कि जापान भी इसे समर्थन देगा। दोनों देशों ने एक-दूसरे के प्रति ऐतिहासिक नाराजगी की भावना पर भी बात की। सूत्रों के मुताबिक, शी ने आबे से कहा कि वह एशियाई देशों को यह संदेश भेजें कि जापान ऐतिहासिक सच का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने साथ ही कहा कि युद्ध समाप्ति के 70 साल पूरे होने को आए हैं और इस मौके पर वह कहना चाहते हैं कि चीन किसी भी देश को निशाना बनाना नहीं चाहता।
इसके जवाब में आबे ने कहा कि वह पिछली सरकारों के रुख और खासकर प्रधानमंत्री मुरायामा और कोईजुमी के बयानों को बरकरार रखेंगे। वर्ष 1995 में जापानी प्रधानमंत्री तोमिची मुरायामा ने गहरा दुख जताते हुए जापानी हमला और औपनिवेशिक शासन के लिए क्षमा मांगी थी। इसके 10 साल बाद प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोईजुमी ने भी इसी तरह के शब्दों के साथ एक बयान जारी किया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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