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शरद पवार को एक और झटका, विधायक किरण लाहमटे फिर अजित ग्रुप में शामिल

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Another blow to Sharad Pawar

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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार को एक और झटका लगा है। महाराष्ट्र में अकोला से विधायक किरण लाहमटे ने फिर पलटी मारी है। बीती रात वह अजित पवार के ग्रुप में शामिल हो गए। उन्होंने वहां कुछ नये तैयार किये गये दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये।

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लाहमटे उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खेमे में दिखे थे, बाद में वह शरद पवार के पास चले गए थे। अजीत पवार ने लाहमटे को वापस अपने खेमे में लाने के लिए अपने भरोसेमंद सहयोगी बालासाहब जगताप को जिम्मेदारी सौंपी थी।

जगताप ने तीन दिनों तक अकोला में डेरा डाला और उन्हें अपने पाले में करने के लिए अभियान चलाया। इसके अलावा, कोपरगांव विधायक आशुतोष काले ने भी अजित पवार को समर्थन देने का हलफनामा भेजा है। इस तरह धीरे-धीरे अजित पवार का कुनबा बढ़ता जा रहा है।

अजित पवार के शपथ ग्रहण के दौरान लाहमटे उनके साथ थे। पहले तैयार किये गये कई दस्तावेजों पर उन्होंने हस्ताक्षर भी किये। हालांकि, अगले दिन लाहमटे वरिष्ठ नेता पवार के पास लौट गए। वह मुंबई में हुई बैठक में भी शामिल हुए थे। उनका कहना था कि बरगला कर उनसे हस्ताक्षर करा लिया गया।

लाहमटे को मनाने के लिए बालासाहेब जगताप ने विभिन्न माध्यमों से उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो रहे थे। वे घर पर रुकने के बजाय अज्ञात स्थान पर चले गए। आखिरकार शनिवार की रात लहमटे घर पहुंचे। उन्हें मुंबई लाया गया।

आधी रात के करीब उन्हें अजित पवार से मुलाकात के लिए लाया गया। उन्होंने अजित पवार से चर्चा की। उनसे कहा गया कि अकोला में क्या-क्या विकास कार्य किया जाना चाहिए, इसकी योजना तैयार करें। इस दौरान कुछ और दस्तावेज तैयार किए गए थे, जिस पर लाहमटे के हस्ताक्षर ले लिए गए। अब कहा जा रहा है कि लाहमटे कानूनी तौर पर अजित पवार के साथ बंधे हुए हैं।

दूसरे घटनाक्रम में कोपरगांव के विधायक आशुतोष काले इस समय अपने परिवार के साथ अमेरिका में हैं। बताया जा रहा है कि उनसे अजित पवार को समर्थन का शपथ पत्र भी लिया गया है। वे एक-दो दिन में वापस आ जायेंगे। यह भी कहा गया था कि वह उस समय अजित पवार से अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। रोहित पवार और प्राजक्त तनपुरे को छोड़कर एनसीपी के चार विधायक अजित पवार के साथ चले गए हैं।

विधायक ही नहीं बल्कि अन्य पदाधिकारी भी अजित पवार से मुलाकात कर रहे हैं। बताया जाता है कि पूर्व विधायक अरुण जगताप, चन्द्रशेखर घुले, सीताराम गायकर और अन्य प्रमुख नेता अब तक अजित पवार से मिल चुके हैं। एनसीपी के जिला अध्यक्ष राजेंद्र फाल्के शरद पवार के साथ हैं।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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