प्रादेशिक
बेंगलुरू नगर निकाय चुनाव पर रोक
बेंगलुरू| कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) के चुनाव पर शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायालय ने एकल पीठ की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को दिए गए उस आदेश को दरकिनार कर दिया, जिसमें 30 मई को चुनाव कराने के लिए कहा गया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.एच.वाघेला तथा न्यायमूर्ति राम मोहन रेड्डी की खंडपीठ ने संविधान के 74वें संशोधन के तहत राज्य सरकार से छह महीने तक चुनाव नहीं कराने को कहा।
नगर निकाय का कार्यकाल 22 अप्रैल को समाप्त हो रहा था, जिसके मद्देनजर, न्यायाधीश बी.वी.नागराथन ने एसईसी को 30 मई को चुनाव कराने का आदेश दिया था, जिसपर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने सात अप्रैल को एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
राज्य सरकार के वकील रविवर्मा कुमार ने पीठ को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उसके आदेश का पालन करेगी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पार्षदों, जो याचिकाकर्ता भी हैं, ने कहा कि नगर निकाय चुनाव को रोकने के खिलाफ अगले सप्ताह वे सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
वरिष्ठ वकील सज्जन पुवैया ने कहा, “नगर निकाय चुनाव को रद्द करना सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें ऐसे ही एक मामले में उसने फैसला दिया था कि कार्यकाल खत्म होने के ठीक बाद या पहले निर्वाचन आयोग स्थानीय निकाय का चुनाव करवा सकता है और यह 74वें संविधान संशोधन के अनुरूप है।”
राज्य सरकार ने वार्डो का परिसीमन, नगर निकाय का पुनर्गठन तथा कई वार्डो में 2011 की जनगणना के आधार पर विभिन्न कारणों से आरक्षण लागू नहीं होने का हवाला देते हुए चुनाव कराने के लिए और अधिक समय की मांग की।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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