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उत्तर प्रदेश

उप्र: 48 घंटे में ही चली गई महिला सिपाही प्रियंका मिश्रा की नौकरी, रील बनाकर आई थी चर्चा में

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upp lady constable Priyanka Mishra lost her job within 48 hours resigned after the reel went viral

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आगरा। आगरा में रील से ट्रोल होकर त्यागपत्र देने वाली महिला सिपाही प्रियंका मिश्रा को दोबारा 2 दिन पहले नौकरी मिल गई थी। प्रियंका मिश्रा ने पुन: भर्ती के लिए आवेदन किया था। लिपिक जितेंद्र ने तथ्य छिपाकर सेवा में पुन: वापसी का आदेश पारित करा लिया लेकिन मामले का खुलासा होने के बाद अब प्रियंका को नौकरी से निकाल दिया गया।

जानकारी होने के बाद पुलिस आयुक्त ने लिपिक को भी निलंबित कर दिया। सेवा में वापसी का आदेश भी निरस्त कर दिया। महिला सिपाही ने पहले रील के लिए त्यागपत्र दिया था। दोबारा गलत तरीके से भर्ती हुई तो 48 घंटे में नौकरी चली गई। अब यह मामला विभाग में चर्चा का विषय बना है।

पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि प्रियंका मिश्रा ने प्रार्थनापत्र दिया था। इसमें आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने, जीवन यापन में कठिनाई का हवाला देते हुए सेवा में पुन: वापसी का आग्रह किया। सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालय को जांच दी गई। प्रकरण में संयुक्त निदेशक, अभियोजन से विधिक राय ली। उन्होंने नियुक्ति प्राधिकारी की ओर से निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्वविवेक के अनुसार निर्णय लिए जाने के लिए राय दी।

मामले में त्यागपत्र के पश्चात सेवा में लेने से संबंधित नियमावली और आदेशों के लिए समस्त पत्रावली को पुलिस मुख्यालय भेजा जाना चाहिए था। इसके बाद ही अग्रिम आदेश पारित कराया जाना चाहिए था मगर, लिपिक ने ऐसा नहीं किया। तथ्यों को संज्ञान में लाए बिना ही महिला सिपाही को पुन: सेवा के लिए 18 अक्तूबर को आदेश पारित करा लिया। यह नियम के खिलाफ किया। लिपिक को निलंबित किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जांच दी गई है। महिला आरक्षी को पुन: सेवा लेने का आदेश भी निरस्त कर दिया गया।

रिवाल्वर के साथ बनाई थी रील

मूलत: कानपुर निवासी प्रियंका मिश्रा वर्ष 2020 में पुलिस विभाग में सिपाही बनी थीं। उन्हें झांसी में प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2021 में आगरा भेजा गया। थाना एमएम गेट में महिला हेल्प डेस्क पर तैनात थीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर रिवाल्वर हाथ में लेकर रील बनाई थी। उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था।

ड्यूटी पर रहते हुए रील बनाने पर कई लोगों ने सवाल उठाए थे। मामला तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी. तक पहुंचा था। सिपाही को लाइन हाजिर किया। सिपाही ने आहत होकर खुद ही त्यागपत्र दे दिया। उनसे प्रशिक्षण में खर्च धनराशि भी जमा करा ली गई थी।

हरियाणा, पंजाब तो बेकार ही बदनाम हैं…

हरियाणा, पंजाब तो बेकार ही बदनाम हैं आओ कभी उप्र, रंगबाजी क्या होती है…। सितंबर 2021 में इसी म्यूजिक पर प्रियंका मिश्रा की रील वायरल हुई थी। त्यागपत्र देने पर सिपाही के इंस्टाग्राम फालोअर की संख्या 60 हजार से अधिक हो गई थी। उनके कई वीडियो सामने आए थे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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