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उत्तर प्रदेश

बरेली: डंपर से टकराकर कार में लगी आग, फंस गया सेंट्रल लॉक; आठ लोगों की दर्दनाक मौत

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Car catches fire after hitting dumper

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बरेली। उप्र के बरेली जनपद के भोजीपुरा क्षेत्र में नैनीताल हाईवे पर शनिवार देर रात भीषण हादसा हो गया। भोजीपुरा थाने से कुछ दूरी पर डंपर से टकराने के बाद एक कार में आग गई, जिससे उसमें सवार सभी आठ बारातियों की मौत हो गई। रात करीब ढाई बजे सभी मृतकों की पहचान हो पाई।

कार सवार लोग बरेली शहर में आयोजित शादी समारोह में शामिल होकर बहेड़ी लौट रहे थे। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाकर कार से शवों को बाहर निकाला। उधर, हादसे की खबर मिलते ही शादी का जश्न गम में बदल गया। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बरेली के भोजीपुरा में नैनीताल हाईवे पर डंपर से टकराने के बाद कार में आग लगी तो उसका सेंट्रल लॉक भी फंस गया। डंपर में फंसी कार धू-धू कर जलती रही। किसी को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। कार के अंदर लोग जिंदगी के लिए छटपटाते रहे। लपटें शांत हुईं तो आठ जिंदगियां राख के ढेर में तब्दील हो चुकी थीं।

कार की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह करीब पांच फुट ऊंचे डिवाइडर पर चढ़कर दूसरी ओर विपरीत दिशा से आ रहे डंपर में जा घुसी। डंपर भी लगभग इतनी ही तेज रफ्तार में था। वह कार को खींचकर 25 मीटर आगे तक ले गया। इस दौरान कार में आग लगी और वह डंपर में फंसकर रह गई।

प्राथमिक जांच में पता लगा है कि घटना के दौरान कार में लगा सेंट्रल लॉक नहीं खुला। इससे कार सवार अंदर ही फंसकर रह गए। अधिकतर लोग गर्म कपड़े पहने हुए थे। इस वजह से लपटों ने उनको बुरी तरह चपेट में ले लिया और उनकी चीखें भी अंदर ही घुटकर रह गईं। दमकल पानी की बौछार करती रही।

करीब 45 मिनट बाद आग पर काबू पाया जा सका। तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। कार से शवों को निकालना मुश्किल हो गया था। रात एक बजे उनके शवों को निकाला जा सका। अधिकतर शव राख में तब्दील हो चुके थे। उनमें से कुछ को टुकड़ों में निकालना पड़ा।

राहगीरों ने दी सूचना, ठंड में नहीं आए ग्रामीण

रात में जिस वक्त घटना हुई, तब तक घटनास्थल से 200 मीटर दूर दभौरा गांव के ग्रामीण सो चुके थे। ठंड के मौसम में इस घटना के बारे में उन्हें काफी देर तक जानकारी ही नहीं हो सकी।

लोगों का मानना है कि ग्रामीण समय पर जागे होते तो हादसे की भयावहता कम हो सकती थी और कुछ लोगों को बचाया जा सकता था। कार से ऊंची लपटें उठती देखकर दूसरे वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस और दमकल मदद के लिए पहुंच सकीं पर तब तक देर हो चुकी थी।

मौके पर लग गया जाम

घटना के बाद नैनीताल हाईवे की एक लेन पूरी तरह बंद हो गई। एक ओर से आने वाले वाहन वहां फंस गए। सीओ चमन सिंह चावड़ा ने दूसरी लेन पर ही दोनों ओर के वाहनों को निकलवाना शुरू किया। रात एक बजे सभी शव निकाले जाने के बाद कार और डंपर को क्रेन के जरिये रास्ते से हटाया जा सका। इसके बाद आवागमन सुचारु हो सका।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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