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प्रादेशिक

बिहार में दहशत ने पांव पसारे, रात भर जागते रहे लोग!

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Bihar bhukamp

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मनोज पाठक

पटना। भूकंप की दहशत से अब भी बिहार के लोग उबर नहीं पाए हैं। शनिवार की रात पूरा बिहार जागता रहा है। डर था अधिक तीव्रता वाले भूकंप के फिर आने का। वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रात को खुले में जगह लिए लोगों से मिलने के लिए शहर में घूमे परंतु लोगों के मन से वे भी डर नहीं निकाल पाए।

राजधानी पटना के लोगों ने शनिवार रात घर-बार छोड़कर खुले स्थान पर शरण ले लिया था। इन्हें डर था जान, घर और सब कुछ छिन जाने का। ऐसे तो राजधानी के सभी पार्क ऐसे लोगों से भरे पड़े थे परंतु दहशत के कारण घर से बाहर निकल कर आने वालों की सबसे ज्यादा भीड़ गांधी मैदान में देखने को मिली। यहां हजारों की भीड़ रात भर इकट्ठा रही। यहां आने वालों में कोई हनुमान चलीसा पढ़ रहा था, तो कोई शिरडी साईं बाबा को याद कर मनौती मांग रहा था, तो कोई सुकून से रात को गुजर जाने पर पटना के महावीर मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाने की बात कर रहा था। इस दौरान मोबाइल फोन की घंटियां दहशत को रह-रहकर और बढ़ा रही थी। सोशल मीडिया पर रात को भूकंप आने की अफवाह लोगों को और दहशतजदा करती रही।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी भी कहते हैं कि सोशल मीडिया में रात को तीव्र गति से आने वाले भूकंप की खबरों से स्थिति और गंभीर हो गई थी। उन्होंने लोगों से अफवाह से बचने की अपील की है। गांधी मैदान में रात गुजार रहे एग्जीबिशन रोड के व्यवसायी मदन सिंहानियां अपने पूरे परिवार के साथ आए थे। मदन कहते हैं, “एक-दो दिनों में भूकंप आने की खबर भले ही अफवाह हो, परंतु अगर सच में भूकंप आ गया तो क्या करेंगे। इससे अच्छा है कि रात इसी मैदान में गुजारी जाए।”

सबसे ज्यादा दहशत में छोटे-छोटे बच्चे नजर आ रहे थे, जिनकी जिंदगी में पहली बार ऐसा दृश्य देखने को मिला थ। भूकंप का मायने भी नहीं जानने वाले इन बच्चों के मन में भूकंप के विषय में जानने की जिज्ञासा थी। वे रह-रहकर अपने अभिभावकों से यह भी पूछते रहे कि अब तो फिर भूकंप नहीं आएगा। रात के दो बजे तक गांधी मैदान में मेले सा दृश्य था। सुबह के तीन बजने के बाद लोग अपने-अपने घरों में लौटने लगे थे, परंतु भूकंप को लेकर उनके मन में अब भी डर था।

गांधी मैदान में रात गुजार रही वृद्ध महिला बालो देवी ने कहा, “अईसन भूकंप न देखले हलियो बाबू। पूरा धरती डोल गेल हलई।” वैसे भगवान को वह लाख-लाख बधाई भी देती हैं कि पटना में बहुत कुछ नुकसान नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि शनिवार को आए भूकंप से बिहार में अब तक 35 लोगों की मौत हो गई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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