Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

डिजिटली एक्टिव होंगे उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालय

Published

on

Loading

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को डिजिटली एक्टिव करने को लेकर अपनी मुहिम को आगे बढ़ाने जा रही है। इस क्रम में प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों के सभी 12 तरह के रजिस्टर्स को डिजिटल किए जाने के साथ ही शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति भी डिजिटल मार्क किए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके अंतर्गत छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी टैबलेट पर फेस रिकग्निशन सिस्टम (चेहरा दिखाकर) से उपस्थिति दर्ज करानी होगी। 15 जुलाई से यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार बीते काफी समय से परिषदीय स्कूलों में सभी तरह के कार्यों को डिजिटली किए जाने पर जोर दे रही है। इसी के तहत इन स्कूलों के सभी 12 तरह के रजिस्टर को डिजिटल किए जाने के लिए प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल मॉड्यूल तैयार किया गया है। यही नहीं, डिजिटल अटेंडेंस के लिए भी स्कूलों को टैबलेट और सिम प्रदान किए गए हैं।

प्रेरणा पोर्टल पर विकसित किया गया ‘डिजिटल रजिस्टर्स’ मॉड्यूल

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह परिषदीय स्कूलों के सभी रजिस्टर डिजिटल माध्यम से ही भरवाएं। स्कूलों में उपस्थिति, प्रवेश, कक्षावार छात्र उपस्थिति, मिड डे मील, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण, स्टाक, आय-व्यस्क एवं चेक इश्यू, बैठक, निरीक्षण, पत्र व्यवहार, बाल गणना और पुस्तकालय एवं खेलकूद रजिस्टर को डिजिटल किया गया है। पंजिकाओं के सरलीकरण तथा टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल माध्यम से उपयोग के लिए प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर्स नाम से नया मॉड्यूल विकसित किया गया है। वर्तमान में उपयोग की जा रही भौतिक पंजिकाओं के अनुरूप ही पंजिकाओं का डिजिटल फॉर्मेट तैयार किया गया है। इसके अनुरूप अब सभी एंट्री डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही अंकित की जाएंगी।

विद्यालयों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं टेबलेट

12 डिजिटल रजिस्टर्स में टीचर अटेंडेंस रजिस्टर भी शामिल है। ऐसे में विद्यालय में कार्यरत समस्त अध्यापकों एवं कार्मिकों को प्रतिदिन अपनी उपस्थिति डिजिटली दर्ज करानी होगी। इसमें विद्यालय आगमन से लेकर जाने तक का समय अंकित किया जाएगा। निर्देशों के अनुसार समस्त अध्यापक 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक आगमन उपस्थिति प्रातः 7.45 से 8 बजे तक और प्रस्थान दोपहर 2.15 से 2.30 बजे तक लगाएंगे। वहीं एक अक्टूबर से 31 मार्च तक आगमन उपस्थिति सुबह 8.45 बजे से सुबह नौ बजे तक और प्रस्थान उपस्थिति 3.15 बजे से 3.30 बजे तक दर्ज कर सकेंगे। हालांकि फिलहाल, अग्रिम आदेश तक शिक्षक सुबह 7.15 बजे से 7.30 बजे तक उपस्थिति लगाएंगे और प्रस्थान उपस्थिति दोपहर 1.30 बजे से 1.45 बजे तक लगा सकेंगे। निर्धारित समय के बाद उपस्थिति मान्य नहीं होगी। विभाग द्वारा परिषदीय प्राथमिक/कंपोजिट विद्यालयों के शिक्षकों के उपयोग के लिए 2,09,863 टेबलेट्स उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए टेबलेट उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया जारी है। इन विद्यालयों में समस्त अध्यापकों एवं कार्मिकों द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज कराए गए अपने मोबाइल नंबर/स्मार्टफोन से अपनी उपस्थिति प्रतिदिन अंकित की जाएगी। इसके बाद प्रधानाध्यापक द्वारा उपस्थिति प्रमाणित की जाएगी। टैबलेट व स्मार्टफोन को जियोफेंसिंग के माध्यम से पहचाना जाएगा तथा पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करते समय अध्यापक और प्रधानाध्यापक को विद्यालय परिसर में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

छात्रों का पूरा डाटा भी होगा डिजिटल

इसी तरह कक्षावार स्टूडेंट अटेंडेंस रजिस्टर पर अध्ययनरत समस्त छात्रों की प्रतिदिन हाजिरी लगाई जाएगी। छात्रों के लिए उपस्थिति का समय एक अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह आठ बजे से नौ बजे तक और एक अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह नौ बजे से 10 बजे तक दर्ज होगी। अभी अग्रिम आदेश तक सुबह 7.30 बजे से 8.30 बजे तक हाजिरी लगाई जाएगी। इसके अतिरिक्त बच्चों के नामांकन के दौरान डिजिटल रजिस्ट्रेशन रजिस्टर में उनकी पूरी डिटेल दर्ज कराई जा सकेगी। इसमें छात्र का नाम, लिंग, जन्मतिथि, माता-पिता का विवरण, आधार संख्या आदि होगी। नामांकन करने पर सिस्टम द्वारा एक यूनिक पहचान संख्या प्रदान की जाएगी, जिसे प्रधानाध्यापक द्वारा डिजिटल रजिस्टर में अंकित किया जाएगा। छात्र की डिटेल को प्रेरणा पोर्टल/प्रेरणा डीबीटी एप के माध्यम से भरा या अपडेट किया जाएगा। अंतिम कक्षा उत्तीर्ण व अन्य विद्यालय के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी किए जाने का विवरण भी डिजिटल रजिस्ट्रेशन डिटेल्स रजिस्टर में अंकित होगा।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

पहली जुलाई से वन महोत्सव का आयोजन कराएगी योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ| योगी सरकार पहली जुलाई से वन महोत्सव का आयोजन कराएगी। यह महोत्सव सात जुलाई तक चलेगा। इस दौरान एक तरफ विरासत वृक्षों के संरक्षण पर सरकार का जोर रहेगा तो वहीं दूसरी तरफ पौधरोपण से संबंधित जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक समेत अनेक प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्कूली बच्चों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। बीते दिनों पड़ी बेतहाशा गर्मी को देखते हुए योगी सरकार का पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संचयन पर भी पुनः विशेष जोर है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से अपील की कि एक या दो फलदार पौधे अवश्य लगाकर उनका संरक्षण करें।

स्कूली बच्चों को किया जाएगा जागरूक

प्रदेश में जुलाई के प्रथम सप्ताह में होने वाले वन महोत्सव के अंतर्गत जन जागरूकता के कार्यक्रम होंगे। इसके तहत प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता व संगोष्ठी आदि का भी आयोजन स्कूली स्तर पर होंगे। साथ ही अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण, वृक्षावरण व पौधरोपण के महत्व, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, स्वच्छता-प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने आदि पर जोर रहेगा।

विरासत वृक्ष वाटिका के प्रचार प्रसार पर भी नजर

वन महोत्सव के दौरान विरासत वृक्ष वाटिका के लिए प्रचार-प्रसार पर भी विभाग का जोर रहेगा। इसके साथ ही वेटलैंड्स के कैचमेंट में पौधरोपण, नदियों के संरक्षण व पुनरुद्धार के लिये नदी किनारे पौधरोपण, शहरी क्षेत्रों में भी पौधरोपण किया जाएगा। पहली से सात जुलाई तक प्रत्येक जनपदों में भी जनजागरूकता समेत वृहद स्तर पर अनेक कार्यक्रम होंगे। साथ ही केंद्र सरकार के निर्देशानुसार एक पेड़ मां के नाम भी लगाए जाएंगे।

सीएम की आमजन से अपील- कम से कम एक या दो पौधे अवश्य लगाएं

वन महोत्सव के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि इस वर्षाकाल में अपने घर-आंगन में कम से कम एक या दो फलदार पौधों का रोपण अवश्य करें। साथ ही प्रदेश में अधिक से अधिक पौध रोपित कर इनका सिंचन व सतत देखभाल भी करें।

2024 में भी 35 करोड़ पौधरोपण कराएगी योगी सरकार

वन महोत्सव के अलावा योगी सरकार यूपी को हरा-भरा रखने के लिए इस वर्ष भी 35 करोड़ पौधरोपण करेगी। इसके लिए विभागों और मंडलों के लक्ष्य पहले ही निर्धारित किए जा चुके हैं। वन-पर्यावरण विभाग 14 करोड़ तो ग्राम्य विकास विभाग सूबे में लगाएगा 12.59 करोड़ पौधे लगाएगा। वहीं सर्वाधिक लक्ष्य लखनऊ मंडल (4 करोड़) को दिया गया है।

Continue Reading

Trending