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उत्तर प्रदेश

सीएम सख्त : डग्गामार और बिना परमिट के चलती मिलीं बसें तो नपेंगे बड़े अफसर

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लखनऊ। उन्नाव बस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार किया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों को सीएम योगी ने दो टूक निर्देश दिये हैं कि भविष्य में प्रदेश की सड़कों पर डग्गामार या बिना परमिट कोई बस चलती मिली तो संबंधित अधिकारियों की खैर नहीं। अपने सरकारी आवास पर एक अति महत्वपूर्ण बैठक के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों को सीएम ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रही सभी यात्री बसों और स्कूल बसों का परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस और ड्राइवरों की गहनता से जांच की जाए। वहीं मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश में एक माह तक डग्गामार और बिना परमिट वाले वाहनों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान के निर्देश जारी कर दिये हैं।

डग्गामार वाहनों को सड़क पर आने से पहले ही रोकें

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव परिवहन को निर्देशित करते हुए कहा कि आखिर डग्गामार और बिना परमिट वाली बसें सड़कों पर कैसे बेरोकटोक घूम रही हैं। ऐसी बसों के खिलाफ पूरी सख्ती के साथ अभियान चलाएं और इनके मालिकों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए। सीएम योगी ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित करते हुए कहा है कि जहां भी इस प्रकार की बसों का संचालन हो रहा है, वहां के परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में पंजीकृत सभी यात्री बस और स्कूल बसों के फिटनेस, परमिट, इंश्योरेंस और ड्राइवरों की जांच की जाए। इसके बाद कहीं भी कोई अप्रिय घटना हुई तो सीधे सीधे परिवहन विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। कहा कि डग्गामार और बिना परमिट वाले वाहन किसी भी दशा में सड़क पर न उतरने पाए। उन्होंने कहा कि डग्गामार और बिना परमिट वाली बसों को सड़क पर आने से पहले ही रोकना होगा।

एक माह तक चलेगा सघन अभियान

मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद परिवहन विभाग के आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने प्रदेश के सभी उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र), सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन), सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) को निर्देश दिए हैं कि एक माह तक अनवरत रूप से सड़क अभियान चलाया जाए। इस दौरान यात्री बसों के साथ ही स्कूली वाहनों की भी चेकिंग की जाए। उन्होंने इसके लिए प्रदेश के विभिन्न टोल प्लाजा पर संभागीय परिवहन अधिकारियों की तिथिवार ड्यूटी लगा दी है। साथ ही निर्देश दिये हैं निर्धारित तिथियों में प्रत्येक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) सम्बन्धित टोल प्लाजा पर स्वयं उपस्थित होकर सम्भाग के समस्त प्रवर्तन अधिकारियों के साथ इन्फोर्समेंट की कार्रवाई करेंगे। चिन्हित स्थानों पर एक-एक इण्टरसेप्टर तैनात की जाएगी। इस दौरान की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी और फोटो विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रेषित की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

प्रदेश की नारी शक्ति को सशक्त बनाने में जुटी योगी सरकार

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवनस्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

लखपति दीदी योजना : महिलाओं के लिए खुले आर्थिक क्रांति के द्वार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार दे रही सब्सिडी और प्रशिक्षण

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

वित्तीय समावेशन से मिली नई ताकत

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

महिला पेंशन और मातृत्व सहायता ने बनाया समर्थ

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

ग्राम स्तर पर मजबूत संगठनों का निर्माण

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

समृद्ध समाज की ओर बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

यूपी में नारी शक्ति का नया युग

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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