उत्तर प्रदेश
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का प्रतिफल है हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटलः सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार द्वारा आयोजित इन्वस्टर्स समिट में हुए एमओयू अब धरातल पर उतरकर भविष्य की बेहतर तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं। गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-4 वसंत खंड स्थित हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल व ट्रॉमा सेंटर इसका उदाहरण है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इस 300 बेडेड सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल का बटन दबाकर लोकार्पण व शुभारंभ करते हुए ने कहा कि यह पवित्र हृदय से किया गया कार्य है। उन्होंने हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल के निर्माण के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.संदीप कपूर और उनकी पूरी टीम को हृदय से बधाई हुए कहा कि यह गोमती नगर विस्तार के नागरिकों के लिए उपहार है। इस अवसर पर उन्होंने देश में पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए सकारात्मक बदलावों के साथ ही प्रदेश में निवेश, रोजगार और विकास की उन्नति पर प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान ही हॉस्पिटल को लेकर एमओयू हुआ था और 200 करोड़ रुपए की लागत से रिकॉर्ड समय में इसका निर्माण कर इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया गया है। इन्वेस्टर्स समिट के अन्तर्गत हेल्थ केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में नियत समय सीमा में पूर्ण होने वाला यह पहला प्राइवेट प्रोजेक्ट है।
कानून व्यवस्था सुधरी तो प्रदेश में निवेश ने फैलाया पंख
सीएम योगी ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती और इसमें भी सबसे ज्यादा युवा हैं। उन्हें विकास और रोजगार से जोड़ सकें इसके लिए सरकारी और निजी क्षेत्र में अवसरों को हम चिन्हित करके उन्हें विकसित कर रहे हैं। 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया जिससे 6.5 लाख से ज्यादा युवाओं को हम नौकरी देने में सक्षम हुए। 2018 में इनवेस्टर समिट के माध्यम से प्रदेश में निवेश के द्वार भी खुल गए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से पहले उत्तर प्रदेश को लेकर एक नकारात्मक स्थिति थी। नए निवेश आना तो दूर, जो निवेश यहां पहले से थे वह भी वाइंडअप करना चाहते थे। उत्तर प्रदेश में अपराध का बोलबाला था, न बेटी सुरक्षित थीं न व्यापारी। ऐसे में, हमने तब जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जिसे आज पूरा देश मॉडल के रूप में स्वीकार करता है। बेहतरीन कानून के राज के लिए यह कदम जरूरी थे और इसी के फलस्वरूप निवेश ने पंख फैलाने शुरू किए।
4 लाख करोड़ से 40 लाख करोड़ की निवेश यात्रा को बनाया संभवः सीएम योगी
उत्तर प्रदेश में बदले निवेश के परिदृष्य के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में आई तो मैने इन्वेस्टर समिट कराने के लिए सुझाव मांगे, तब मुझे बताया गया कि हम 20 हजार करोड़ का निवेश लेकर आएंगे जो प्रदेश के विकास के लिए नाकाफी होता। इसके बाद हमने प्रयास प्रारंभ किए जो अब अपना सकारात्मक रंग दिखा रहे हैं। पहले इनवेस्टर समिट में 4 लाख करोड़ के निवेश से शुरू हुई यात्रा आगे चलकर 40 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। ये प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के हमारे लक्ष्य का उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि निवेश के इन आंकड़ों को लोग फेक डाटा मानते थे, तो सूची जारी करके पब्लिक डोमेन में जारी किया। यह सफल मॉडल था। निवेश छोटा हो या बड़ा वह विकास का द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि वह युवाओं को रोजगार से जोड़कर नया पंख देता है।
सेवा ही नहीं, आजीविका का माध्यम भी है हॉस्पिटल
सीएम योगी ने कहा कि हॉस्पिटल सेवा का माध्यम होने के साथ ही आजीविका का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि मैं पूरी टीम को बधाई दूंगा कि ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में जो इन्होंने एमओयू किया था वह आज साकार हो गया है। पिछले 10 वर्ष के अंदर देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन हुआ। स्वास्थ्य की सेवा फ्री होनी चाहिए और इसी प्रेरणा से हमने 5 करोड़ 11 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड के जरिए लाभान्वित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना से भी हमने लोगों को जोड़ा है। मुख्यमंत्री राहत कोष से हमने 1 लाख 88 हजार लोगों को सुविधा उपलब्ध कराई है। विवेकानंद पॉलीक्लीनिक से शुरू हुई यह यात्रा 300 बेडेड सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल के रूप में साकार हो गई है। हम ग्रीन कॉरीडोर सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि मेरा आग्रह है कि इस अस्पताल में आयुष्मान भारत के लिए भी प्रावधान रखा जाए। इस योजना से हम व्यक्ति को 5 लाख रुपए तक की बीमा कवर उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हेल्थ सिटी विस्तार अस्पताल माध्यम से न केवल लखनऊ बल्कि आस-पास के सभी क्षेत्रों में हेल्थ सर्विसेस का लाभ मिलेगा। सीएम योगी बोले, उद्घाटन की पूर्णाहुति में बरसात भी हो रही जो पवित्र हृदय से किए गए कार्य को दर्शाता है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक योगेश शुक्ल, महापौर सुषमा खर्कवाल और हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप कपूर, तीनों पार्टनर चिकित्सक डॉ संदीप गर्ग, डॉ के.बी जैन तथा डॉ राजेश अरोड़ा समेत हॉस्पिटल की समस्त टीम व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कम लागत में तैयार होंगे हॉस्पिटल तो मरीजों पर पड़ेगा कम बोझ: डॉ.कपूर
हॉस्पिटल के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. संदीप कपूर ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व अस्पताल के निर्माण का विचार आया था और 2016 में हेल्थसिटी अस्पताल ने जन्म लिया। उन्होंने कहा कि 2017 में सीएम योगी ने कार्यभार संभाला और प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के सपने साकार करने के लिए इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन समेत गुड गवर्नेंस और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रमोट किया। हम भी इस प्रक्रिया में शामिल हुए और 3 एकड़ क्षेत्र में 2 लाख स्क्वेयर मीटर बिल्ड अप एरिया वाला यह 300 शैय्या, 40 ओपीडी, 60 क्रिटिकल केयर बेड, 8 ऑपरेशन थिएटर, 75 से ज्यादा सीनियर डॉक्टर्स (जिनमें कई 30 साल के अनुभवी ट्रेंड सर्जन भी शामिल हैं) हॉस्पिटल अस्तित्व में आया। यह अस्पताल मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा। डॉ. कपूर ने बताया कि ये अस्पताल डॉक्टरों के समूह ने बनाया है जो इन्वेस्टर भी हैं और संचालनकर्ता भी हैं। उनके अनुसार, अस्पताल जब कम लागत में तैयार होगा तो मरीज पर बोझ कम पड़ेगा और अफोर्डेबल हेल्थकेयर सर्विसेस मिलेंगी। उन्होंने कहा कि हम प्रशिक्षण और नर्सिंग स्कूल भी खोलेंगे और विदेश की सफलता की कहानी को प्रदेश में साकार करना चाहते हैं। विलेज लेवल आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम में भी सहभागिता कर रहे हैं। वहीं, क्षेत्रीय विधायक योगेश शुक्ल ने कहा कि इनवेस्टर समिट के माध्यम से रोपा गया बीज आज फलदार वृक्ष बनने की ओर अग्रसर है। अस्पताल ट्रांस गोमती क्षेत्र में उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
-
नेशनल2 days ago
प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली की हवा ‘बेहद गंभीर कैटेगरी’ में, AQI 450 के पार
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
कार्तिक पूर्णिमा पर कटेहरी व मझवां के मतदाताओं से संवाद करेंगे योगी
-
नेशनल2 days ago
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
शिव की काशी में धरती पर उतरेंगे देवता, असंख्य दीप प्रज्ज्वलित कर मनाई जाएगी देव दीपावली
-
नेशनल2 days ago
साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली की खराब एयर क्वालिटी को देखते हुए सीएम आतिशी ने लिया बड़ा फैसला
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
उत्तर कोरिया ने टेस्ट किया विस्फोटक ड्रोन, टारगेट पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम