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उत्तर प्रदेश

बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही अभ्यर्थियों को मिलेगी परीक्षा केंद्र में एंट्री

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लखनऊ| योगी सरकार ने प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए फूलप्रूफ प्लान बनाया है। इसके तहत योगी सरकार ने आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती की 23 अगस्त शुक्रवार से दो पालियों में होने वाली परीक्षा को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किये हैं। हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है जबकि केंद्र में अभ्यर्थियों की संख्या के अनुरूप केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। वहीं सीसीटीवी कैमरों से गहन निगरानी की जाएगी। साथ ही सभी अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद भी उन्हे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। मालूम हो कि योगी सरकार पुलिस बल को और मजबूती देने के लिए 60,244 पुलिस आरक्षी पदों पर भर्ती कर रही है, जिसकी परीक्षाएं 23, 24, 25 और 30, 31 अगस्त को प्रदेश के सभी 67 जनपदों के 1174 सेंटर पर आयोजित की जा रही है।

जनपदीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात रहेंगे जिलाधिकारी

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) की अध्यक्ष राजीव कृष्णा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप परीक्षा के लिए विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई है। वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में कार्य करेंगे। उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र ड्यूटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गयी हैं। इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ सहायक केंद्र पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया है जबकि 3 परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती हुई है। इतना ही नहीं नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उड़ान दस्ते भी मुस्तैद रहेंगे। वहीं केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। प्रदेश के जिन सेंटर पर एक हजार से अधिक अभ्यर्थी होंगे, वहां पुलिस उपाधीक्षक तैनात रहेंगे। वहीं एक हजार तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और पांच सौ तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कर्मियों में से 50 प्रतिशत जिलाधिकारी और शेष 50 प्रतिशत केन्द्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) द्वारा नियुक्त किये गये हैं। इनमें परीक्षा सहायक प्रथम एवं द्वितीय जिलाधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक द्वारा नियुक्त किये जाएंगे जबकि 12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक को तैनात किया जाएगा। इसके साथ सहयाेगी अंतरीक्षक भी तैनात रहेंगे।

इलेक्ट्रानिक गैजेट्स को निष्क्रिय करने के लिये लगेंगे जैमर

परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए सही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाए, इसके लिए तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थियों की चैकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई है। केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रवेश फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही दिया जायेगा। वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई है। फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार ऑथेंटिकेशन कराया जाएगा। इसके अलावा सभी केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये जैमर लगाए जाएंगे। परीक्षा कक्ष एवं केन्द्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की जा रही है, जिसका लाइव फीड केन्द्र के कन्ट्रोल रूम, जनपद के कन्ट्रोल रूम एवं भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में प्राप्त होगी।

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उत्तर प्रदेश

झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में लगी भीषण आग, 10 बच्चों की मौत

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झंडी। झांसी के मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि पांच बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है। बचाव टीम रेस्क्यू में लगी हुई है। वार्ड में करीब 47 नवजात भर्ती थे। शुक्रवार देर-रात महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष एसएनसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 47 नवजात भर्ती थे।

खबर लिखे जाने तक वार्ड से 31 नवजात को बाहर निकाल लिया गया था। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं। दस नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मचा हुआ है। नवजातों के माता-पिता भी अपने नवजातों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। शुरुआती जांच में सिलेंडर ब्लास्ट की बात कही जा रही है।

खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया

बच्चों और मरीजों को अस्पताल की खिड़कियां तोड़कर बाहर निकाला गया। सूत्रों ने बताया कि करीब 31 बच्चों को बचाया जा गया है। सूत्रों का कहना है कि करीब 47 बच्चे वार्ड में भर्ती थे। परिजनों का आरोप है कि उन्हें उनके बच्चों से मिलने नही दिया जा रहा है।

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