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प्रादेशिक

वृंदावन होगा कचरा मुक्त, एनजीटी ने किया हस्तक्षेप

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वृंदावन,राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण,उत्तर प्रदेश सरकार, जिला मुख्यालयों,प्रबंधन एवं संचालन,पवित्रता

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वृंदावन | राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी कर पूछा है कि वृंदावन में अपशिष्ट भराव क्षेत्र के लिए जगहें क्यों नहीं मुहैया कराई गईं, ताकि यमुना के बाढ़ वाले डूब क्षेत्रों में कचरा फेंकने पर रोक लगाई जा सके।

एनजीटी ने 21 मई तक जवाब मांगा है। जिला मुख्यालयों पर जैसे ही नोटिस मिलने की खबर पहुंची, टनों घरेलू अपशिष्ट और कचरे के वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिए अपशिष्ट भराव क्षेत्र की खोज के लिए कोशिशें तेज हो गईं। याचिकाकर्ता मधुमंगल शुक्ला ने वृंदावन में अवैध और अनियंत्रित तरीके से कचरा फेंकने के कारण यमुना में नियमित तौर पर फैलाए जा रहे प्रदूषण की ओर न्यायाधिकरण का ध्यान खींचा। यमुना नदी के बाढ़ वाले डूब क्षेत्र में आने वाले टाटिस्थान में इस समय जहां नगर का कचरा डंप किया जा रहा है, वह इतनी गंभीर अवस्था में पहुंच चुका है कि कई बार नदी वृंदावन में घाट से 300 से 400 मीटर दूर खिसक गई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि महानगर ठोस कचरा (प्रबंधन एवं संचालन) नियम-2000 लागू न होने के कारण पूरे वृंदावन में पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि इस समय कचरे को नालियों में बहाया जा रहा है, जिसके कारण आए दिन नाली जाम की समस्या होती रहती है। इसके अलावा कचरे को कम करने के लिए इसे जला दिया जाता है, जिसके कारण होने वाले वायु प्रदूषण से प्रभावित इलाका सांस लेने के लिए मुफीद नहीं है और खतरे वाला हो गया है। शुक्ला ने कहा कि वृंदावन में 5,000 मंदिर हैं, जिनमें कुछ 1570 के आस-पास के हैं तथा इसके अलावा कई रमणीय घाट हैं और ये सभी यमुना नदी के किनारे हैं।

यमुना के कारण ही वृंदावन एक पवित्र नगरी मानी जाती है, हालांकि यमुना लंबे समय से अपनी यह ‘पवित्रता’ खोती जा रही है। यमुना के बाढ़ वाले डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण से यमुना पर खतरा बढ़ता जा रहा है। वृंदावन के अलावा लगे हुए मथुरा शहर में भी उद्योगों से निकलने वाला दूषित जल और कचरा बिना संशोधित किए सीधे यमुना नदी में बहाया जा रहा है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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