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प्रादेशिक

पुलिस विभाग में अशांति खतरनाक : शिव सेना

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मुंबई। महाराष्ट्र जहां दो पुलिसकर्मियों की हत्या और आत्महत्या से सकते में है, वहीं शिव सेना ने सोमवार को राज्य पुलिस विभाग में भविष्य में ऐसी और घटनाओं को लेकर आगाह किया है।

शिव सेना का कहना है कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने और बलिदान देने वाली मुंबई पुलिस के कर्मचारी छुट्टी के मसले पर एक-दूसरे की हत्या कर रहे हैं। शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, “राज्य के किसानों की तरह पुलिस बल में भी आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। क्या गृह विभाग इसे सिर्फ सहकर्मियों के बीच हत्या या आत्महत्या का आम मामला बता कर इसकी फाइल बंद कर देगी?”

संपादकीय में कहा गया है कि पिछले शनिवार को सहायक उप-निरीक्षक दिलीप शिर्के बिना दफ्तर को सूचित किए छुट्टी पर चले गए और वापस आने पर गुस्से में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विलास जोशी को गोली मार दी तथा फिर उसने खुदकुशी कर ली। संपादकीय कहता है कि यह घटना पूरे पुलिस बल को प्रभावित कर सकती है। शिव सेना ने कहा है, “जिन लोगों पर कानून-व्यवस्था बरकरार रखने की जिम्मेदारी है, वे अपना मानसिक संतुलन खो रहे हैं, भविष्य में इसका प्रभाव भयानक हो सकता है।”

शिवसेना ने कहा कि पुलिस विभाग में लोगों पर काम का अतिरिक्त बोझ है और वे अपना नियंत्रण खो कर एक-दूसरे की हत्या और आत्महत्या कर रहे हैं। “बेहतर होगा, अगर यह सबकुछ रोका जा सके।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा, तुर्क VS पठान की की लड़ाई में गई चार जिंदगियां

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संभल। यूपी के संभल में हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में यह सामने आया है कि हिंसा सुनियोजित थी और इसके पीछे तुर्क और पठान समुदाय के बीच वर्चस्व की खूनी लड़ाई थी, जिसने चार जिंदगियों को निगल लिया, जिनमें सभी पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थक थे। सूत्रों के मुताबिक, हिंसा के मुख्य कारणों में तुर्क बनाम पठान और देसी बनाम विदेशी के मुद्दे को हवा दी गई। इसके कारण दोनों समुदायों के समर्थकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

हिंसा की चिंगारी उस वक्त भड़क उठी जब तुर्क समुदाय के सांसद समर्थकों ने पठान समुदाय के विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थकों पर गोलियां चला दीं। इस गोलाबारी में पठान, सैफी और अंसारी समुदाय के लोग मारे गए। एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में ये खूनी खेल हुआ। अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि पुलिस की गोली से कोई हताहत नहीं हुआ और मारे गए सभी नागरिक विधायक के समर्थक थे।

वर्चस्व की जंग ने बिछा दीं 4 लाशें

यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। दर्जन भर से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो गए। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हालात ऐसे हो गए कि शहर में इंटरनेट के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश देना पड़ा। फिलहाल, इलाके में भारी पुलिस तैनात है। पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। इस बीच संभल हिंसा मामले में दर्ज की गई पुलिस की FIR से सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

तुर्क और पठान की वर्चस्व की लड़ाई

तुर्क और पठान बिरादरी के नेताओं के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में भी संभल बवाल के कारण तलाशे जा रहे हैं। पुलिस ने भी दावा भी किया है कि दो बड़े नेताओं के भड़काने पर ही बवाल हुआ है। केस में दोनों को नामजद भी किया गया है। संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महबूब के परिवारों के बीच लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व की जंग है। वहीं FIR की कॉपी भी सामने आई है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

 

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