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प्रादेशिक

त्रिपुरा : जनजातीय परिषद चुनाव में वाम मोर्चा विजयी

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अगरतला | त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) की सभी 30 सीटों पर सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा ने बुधवार को अपना कब्जा बरकरार रखा है। वाम मोर्चा लगातार तीसरी बार विजयी रहा है। 30 सदस्यों वाले त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) की 28 सीटों के लिए रविवार को मतदान हुए थे।

बाकी दो सदस्यों को राज्य सरकार नामित करती है। अधिकारियों के मुताबिक, सभी 28 सीटों पर वाम मोर्चा के उम्मीदवार विजयी हुए हैं। माकपा ने 25 सीटों पर, जबकि इसके गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी तथा फॉरवर्ड ब्लॉक ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है। साल 2010 में हुए चुनाव में भी वाम मार्चा सभी 28 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था। जीतने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में टीटीएएडीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य रंजीत देबबर्मा, संध्या रानी चकमा, रणबीर देबबर्मा तथा शांतनु जमातिया (सभी माकपा उम्मीदवार) तथा भाकपा के धीरेंद्र रियांग हैं।

चुनाव परिणाम की सबसे बड़ी बात यह रही कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चार सीटों पर दूसरे स्थान पर रही तथा इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (आईपीएफटी)17 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। माकपा ने आरोप लगाया था कि आईपीएफटी ने अलग राज्य बनाने को लेकर अभियान तेज कर जनजाति समुदाय के लोगों को सांप्रदायिक व नस्लीय आधार पर ध्रुवीकृत करने की कोशिश की। सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियों ने हालांकि आईपीएफटी की अलग राज्य की मांग का विरोध किया। कांग्रेस केवल तीन सीटों पर दूसरे स्थान पर रही और अधिकांश सीटों पर वह तीसरे या चौथे स्थान पर रही। रविवार को हुए चुनाव में कुल 758,554 मतदाताओं में से करीब 84 फीसदी ने मतदान में हिस्सा लिया। त्रिपुरा की कुल आबादी 37 लाख है, जिसमें जनजातियों की आबादी एक-तिहाई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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