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प्रादेशिक

बिहार : अगवा चिकित्सक दंपति लखनऊ से मुक्त, 9 गिरफ्तार

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गया/पटना | बिहार के गया जिले से अगवा चिकित्सक डॉ़ पंकज कुमार गुप्ता एवं उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता को बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया गया है। इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक पी़ क़े ठाकुर ने बताया कि अगवा चिकित्सक दंपति सकुशल अपने घर वापस आ गए हैं तथा अपहर्ताओं के गिरोह का भी पता चल गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी भी छापेमारी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सुबह अपहर्ताओं ने पुलिस के बढ़ते दबाव के बाद लखनऊ रेलवे स्टेशन पर चिकित्सक दंपति को रिहा कर दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र में अपहर्ताओं द्वारा चिकित्सक दंपति को रखा गया था वहां बड़ी संख्या में अपार्टमेंट है, जिस कारण पुलिस को पता लगाने में देरी हुई। ठाकुर ने बताया कि इस मामले में अपराधी गिरोह के सरगना अजय सिंह सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से चिकित्सक दंपति की ऑडी कार सहित तीन लूटे गए वाहन बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से लाल व नीली बत्तियां, पुलिस वर्दी सहित बड़ी संख्या में मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय है कि गुप्ता और उनकी पत्नी का गया जिले के ग्रैंडट्रंक रोड पर बाराचट्टी के पास से गत शुक्रवार शाम उस समय अपहरण कर लिया गया था जब ये दोनों झारखंड के गिरीडीह जिले में एक शादी समारोह में शिरकत करने के बाद अपनी नई ऑडी कार से वापस घर लौट रहे थे। उनके घर लौटकर नहीं आने पर परिजनों ने बाराचट्टी थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। इधर, चिकित्सक दंपति की सकुशल रिहाई पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (भासा) ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सरकार और पुलिस प्रशासन को बधाई दी है। उल्लेखनीय है दोनों संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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