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प्रादेशिक

‘अम्मा’ के लिए प्रार्थना कर रहे एआईएडीएमके कार्यकर्ता

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चेन्नई | दुनियाभर में जहां रविवार को ‘मदर्स’ डे मनाया जा रहा है, वहीं ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के नेता और कार्यकर्ता यह प्रार्थना कर रहे हैं कि सोमवार का दिन ‘अम्मा’ यानी पार्टी प्रमुख जे.जयललिता के लिए भाग्यशाली साबित हो। कर्नाटक उच्च न्यायालय में सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले पर फैसला सुनाया जाएगा, जिस मामले में निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया है।

एआईएडीएमके के कार्यकर्ता और नेता जयललिता को प्यार से अम्मा बुलाते हैं। पार्टी प्रवक्ता अवादी कुमार ने बताया, “हम सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।” निचली अदालत के फैसले के खारिज होने पर जयललिता और एआईएडीएमके सरकार को ऐसे समय में बड़ी राहत मिलेगी, जब तमिनलाडु में करीब एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। जयललिता ने निचली अदालत द्वारा उन्हें दोषी साबित किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बेंगलुरू की एक अदालत ने 27 सितंबर, 2014 को जयललिता के साथ तीन अन्य को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था। इन सभी को चार साल कारावास की सजा सुनाई गई और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

जयललिता के अतिरिक्त एन.शशिकला, वी.एन.सुधाकरन और जे.ईलासवारसी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया है। यह मामला 1991-96 के 66.75 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा हुआ है, जब जयललिता राज्य की पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। यह मामला 18 सालों तक चलता रहा। अगर सोमवार को फैसला जयललिता के पक्ष में जाता है तो तब वह फिर मुख्यमंत्री बन सकती हैं और अगले छह महीने बाद विधानसभा के लिए चुनी जा सकती हैं। ऐसी संभावना भी है कि एआईएडीएम अदालत के सकारात्मक फैसले का फायदा उठाने के लिए जल्द चुनाव कराने की कोशिश करेगी।  कुमार ने कहा, “निचली अदालत के फैसले को खारिज कर देने के बाद क्या होगा, इसको लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।” इस बीच, एआईएडीएमके नेता और कार्यकर्ता तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं कर रहे हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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